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22 Jul 2025, Tue

उत्तर प्रदेश के 11 ऐतिहासिक स्थलों का होगा कायाकल्प, सांस्कृतिक विरासत को मिलेगी नई पहचान

उत्तर प्रदेश के 11 ऐतिहासिक स्थलों का होगा कायाकल्प, सांस्कृतिक विरासत को मिलेगी नई पहचान

उत्तर प्रदेश के 11 ऐतिहासिक स्थलों का होगा कायाकल्प, सांस्कृतिक विरासत को मिलेगी नई पहचान

उत्तर प्रदेश के 11 ऐतिहासिक स्थलों का कायाकल्प

PPP मॉडल: पर्यटन, रोजगार और विरासत का त्रिकोणीय विकास

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में 11 प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों के पुनरुद्धार (restoration) के लिए पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस पहल के तहत प्राइवेट एजेंसियां इन इमारतों को डिज़ाइन, पुनर्निर्माण, संचालन और एक निर्धारित अवधि के बाद सरकार को सौंपेंगी The Indian Express+4The Indian Express+4The Economic Times+4

मुख्य उद्देश्य:

  • ऐतिहासिक इमारतों का पुनर्संरक्षण

  • पर्यटन के अवसरों में वृद्धि

  • क्षेत्रों में रोजगार सृजन

  • समृद्ध विरासत स्थलों का सतत विकास


✅ चयनित धरोहर स्थल और योजनाएं

नीचे दी गई सूची में वे स्थल शामिल हैं जिनका चिन्हांकन करके उन्हें हेरिटेज होटल, संग्रहालय या सांस्कृतिक केंद्रों में बदला जाएगा The Times of India+2Uni India+2The Economic Times+2:

  1. तालबेहट किला, ललितपुर

  2. रंगढ़ और भुरागढ़ किले, बांदा

  3. वज़ीरगंज बारादरी, गोंडा

  4. आलमबाग भवन, लखनऊ

  5. गुलिस्तान-ए-एरम, लखनऊ

  6. दर्शन विलास, लखनऊ

  7. टिकैत राय बारादरी, कानपुर

  8. मस्तानी महल और सेनापति महल, महोबा

  9. तहरौली किला, झांसी

  10. सीताराम महल (कोटवान किला), मथुरा

कई भवनों के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं, जिनमें 30 साल की अवधि के लिए लीज दी जाने की संभावना है, जिसे आवश्यकता अनुसार आगे 90 साल तक बढ़ाया जा सकता है


⚙️ PPP मॉडल: जिम्मेदारियों की रूपरेखा

  • प्राइवेट एजेंसी: पुनर्निर्माण, संचालन, निवेश

  • सरकार: सौंपने के बाद निरीक्षण, संरक्षण नीति का 시행

  • अवधि समाप्ति पर सरकार को स्थल वापस मिलेगा NewsDrum


📈 संभावित लाभ

पर्यटन में वृद्धि
2024 में यूपी में लगभग 65 करोड़ पर्यटक आए थे Uni India+2NewsDrum+2The Economic Times+2। अब इन प्राचीन स्थलों के जुड़ने से सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

रोजगार सृजन
PPP मॉडल के तहत यह योजना प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोजगार पैदा करेगी The Economic TimesUni India+4NewsDrum+4The Times of India+4

स्थानीय विकास
हर धरोहर स्थल के आसपास एक गांव को ‘होलिस्टिक डेवलपमेंट’ के अंतर्गत विकसित किया जाएगा, जिसमें स्थानीय संस्कृति, हस्तकला और खान-पान को शामिल किया जाएगा


🏰 अनुभव: पहले से उठाए गए कदम

  • लखनऊ में गोल्डन ट्रायंगल फोर्ट एंड पैलेस लिमिटेड ने रोजन-उद-दौलाह भवन, छतर मंज़िल, और चुना विश्वविद्यालय जैसे स्थलों का मॉडल Suryagarh (जैसलमेर) जैसी सफलता से प्रेरित होकर विकसित किया है ThePrint

  • तमिलनाडु की तर्ज़ पर, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी “हेरिटेज सर्किट” मॉडल अपनाया जा चुका है । इससे साफ है कि पर्यटन–संरक्षण के सम्मिलन से अर्थव्यवस्था और स्थानीय संस्कृति दोनों को लाभ होता है।


🔍 चुनौतियां और सावधानियां

  1. **स्थानीय स्वामित्व और पारदर्शिता**:
    – निविदा प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए।
    – स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करना जरूरी है।

  2. भूतपूर्व उदाहरणों से सीखना:
    – लखनऊ में हाल ही हुई ममरठी (Chota Imambara) की मरम्मत पर विवाद हुआ था, जहां “आधुनिक सीमेंट और पेंट” ने ऐतिहासिकता को नष्ट कर दिया reddit.com

  3. स्थिर संचालन मॉडल:
    – विकास के बाद स्थलों का रखरखाव दीर्घकालीन योजना पर आधारित होना चाहिए।


📚 निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश की यह PPP मॉडल आधारित पहल ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करना ही नहीं, बल्कि एक नए पर्यटन–आर्थिक विकास की दिशा खोलने का काम करेगी।
65 करोड़ पर्यटकों वाले प्रदेश में रोजगार, निवेश और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की यह योजना अगले दशक में यूपी को एक ग्लोबल ऐतिहासिक पर्यटन हब बना सकती है।


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