ब्राज़ील में हो रहा BRICS शिखर सम्मेलन नेताओं की कम मौजूदगी से सुर्खियों में, PM मोदी शामिल होंगे
6-7 जुलाई को ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो में BRICS शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है, लेकिन इस बार की बैठक शुरुआत से ही कई कारणों से चर्चा में है। खासकर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ईरान के राष्ट्रपति जैसे प्रमुख नेताओं की गैर-मौजूदगी ने सम्मेलन की प्रभावशीलता और गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ईरान, जो BRICS का नया सदस्य है, हाल ही में अमेरिका और इज़राइल द्वारा किए गए सैन्य हमलों के केंद्र में रहा है। इस घटनाक्रम के चलते विशेषज्ञों का मानना है कि यह BRICS की सामूहिक शक्ति की सीमाओं को भी उजागर करता है, खासकर तब जब अमेरिका जैसी वैश्विक शक्ति इसके सामने हो।
ब्राज़ील के स्थानीय मीडिया और विश्लेषकों ने इस बार की बैठक को ‘कम भागीदारी वाली’ और कुछ रिपोर्टों में तो ‘लगभग खाली’ तक कहा है। मिस्र के राष्ट्रपति जैसे अन्य नए सदस्य भी इस सम्मेलन से अनुपस्थित रहेंगे।
✅ मौजूदगी जो मायने रखती है:
इन सबके बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफ़ोसा, और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। इनकी भागीदारी से BRICS को कुछ हद तक संतुलन और नेतृत्व की दिशा मिलती दिख रही है।
🎯 लूला डा सिल्वा की चुनौती
ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा, जो इस साल के शिखर सम्मेलन के मेज़बान हैं, इस मंच के जरिए खुद को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन कई बड़े नेताओं की अनुपस्थिति ने इस प्रयास को झटका दिया है। ब्राज़ील के प्रमुख अख़बार ‘ओ एस्टादो दी साओ पाउलो’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, लूला सरकार अब इस स्थिति को संभालने और बैठक को सफल दिखाने की कोशिश में लगी है।