Fort Stewart Army Base Shooting: अमेरिका के सैन्य अड्डे पर दिनदहाड़े गोलीबारी, 5 सैनिक घायल
अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में स्थित प्रमुख सैन्य अड्डे Fort Stewart में बुधवार सुबह अचानक हुई गोलीबारी ने पूरे देश को चौंका दिया। इस भीषण घटना में पांच अमेरिकी सैनिक घायल हो गए, जिनमें से तीन को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें सर्जरी की आवश्यकता पड़ी। हमलावर खुद भी सेना का जवान था, जिसे घटना के कुछ ही देर बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है पूरी घटना?
घटना सुबह 10:56 बजे के आसपास Fort Stewart के 2nd Armored Brigade Combat Team (ABCT) के क्षेत्र में घटी। हमलावर की पहचान 28 वर्षीय सर्जेंट क्वॉर्नेलियस रैडफोर्ड के रूप में की गई है। वह इसी यूनिट में Automated Logistics Sergeant के पद पर तैनात था। रैडफोर्ड ने इस हमले को अंजाम देने के लिए अपने निजी हथियार – हैंडगन – का इस्तेमाल किया, न कि सेना द्वारा आवंटित हथियार का।
गोलीबारी के बाद उसने अड्डा छोड़ने की कोशिश नहीं की, बल्कि वह वहीं मौजूद रहा। लगभग 11:35 बजे सैन्य पुलिस और अन्य जवानों ने उसे मौके पर पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया। इस तेज कार्रवाई से और बड़ी क्षति होने से बचा लिया गया।
घायल सैनिकों का हाल
गोलीबारी में घायल हुए पांच सैनिकों को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर Winn Army Community Hospital और Memorial Health University Medical Center, Savannah में भेजा गया। उनमें से तीन को सर्जरी की आवश्यकता पड़ी, लेकिन सभी की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। सेना की ओर से जानकारी दी गई कि सभी सैनिकों के परिवारों को सूचना दे दी गई है और उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान की जा रही है।
फोर्ट स्टीवर्ट में मचा हड़कंप, स्कूलों में लॉकडाउन
जैसे ही गोलीबारी की खबर फैली, Fort Stewart के भीतर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से कड़ी कर दी गई। अड्डे के भीतर मौजूद तीन प्राथमिक विद्यालयों, जहां करीब 1,400 छात्र पढ़ते हैं, को त्वरित रूप से लॉकडाउन में डाल दिया गया। इसके अलावा, अड्डे के पास मौजूद अन्य तीन स्कूलों ने भी एहतियात के तौर पर अपने दरवाजे बंद कर दिए।
लगभग एक घंटे बाद, स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया और धीरे-धीरे लॉकडाउन को हटाया गया।
राज्य और केंद्र की प्रतिक्रिया
इस घटना ने न केवल सैन्य समुदाय को, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जॉर्जिया के गवर्नर ब्रायन केम्प ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और कहा कि वह कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लगातार संपर्क में हैं।
कांग्रेस प्रतिनिधि बडी कार्टर ने भी एक बयान में कहा कि वह स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। उन्होंने पीड़ितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस घटना पर चिंता जताई और जांच एजेंसियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
हमलावर की पृष्ठभूमि और जांच
हमलावर सर्जेंट रैडफोर्ड की मानसिक स्थिति और ड्यूटी के हालात की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिल रहे हैं कि यह घटना व्यक्तिगत तनाव या मानसिक दबाव का नतीजा हो सकती है।
अमेरिकी सेना ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि घटना से संबंधित सभी पहलुओं की गंभीरता से पड़ताल की जाएगी।
इस बीच, Fort Stewart कमांड ने जवानों और उनके परिवारों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता है।
आंतरिक सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों की आंतरिक सुरक्षा को लेकर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले कुछ वर्षों में Fort Hood, Naval Air Station Pensacola जैसी घटनाओं ने भी इसी तरह का खतरा उजागर किया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं से न केवल सैन्य अनुशासन पर असर पड़ता है, बल्कि जवानों के मनोबल पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
अब यह देखना होगा कि सेना इस घटना से क्या सीख लेती है और अपने आंतरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल को कैसे मजबूत बनाती है।
निष्कर्ष
Fort Stewart में हुए इस गोलीकांड ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बंदूक संस्कृति और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को गंभीरता से लेना आवश्यक है — चाहे वह नागरिक समाज हो या सैन्य तंत्र।
भारतीय पाठकों के लिए भी यह घटना एक चेतावनी हो सकती है कि सुरक्षा संस्थानों में तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजगता कितनी जरूरी है।
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