Bharat Bandh 2025: बंगाल और बिहार में उग्र प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे लोग, बढ़ा तनाव!
Bharat Bandh 2025: 25 करोड़ कर्मचारियों की हड़ताल से थमा देश, सार्वजनिक सेवाएं और परिवहन पर गहरा असर
नई दिल्ली, 9 जुलाई 2025:
देशभर में आज का दिन बेहद असामान्य रहा। 25 करोड़ से अधिक सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी भारत बंद का असर पूरे भारत में गूंजता नजर आया। इस बंद का सबसे व्यापक असर पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में देखने को मिला। कई जगहों पर ट्रेनें रुकीं, बसें नहीं चलीं, बैंकिंग सेवाएं ठप रहीं और सामान्य जनजीवन पर भारी असर पड़ा।
🔥 बंद का मुख्य उद्देश्य: मज़दूर और किसान विरोधी नीतियों का विरोध
बंद का आयोजन ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी महासंघों और वामपंथी संगठनों ने मिलकर किया है। इनका आरोप है कि केंद्र सरकार की नीतियां मज़दूरों और किसानों के खिलाफ हैं।
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श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर खासा विरोध जताया गया है, जिसमें हड़ताल और सामूहिक सौदेबाजी जैसे अधिकारों को सीमित करने की बात कही जा रही है।
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नौकरी की अस्थिरता, निजीकरण और कॉर्पोरेट पक्षधर नीतियों को लेकर भी लोगों में असंतोष है।
यूनियनों का कहना है कि यह बंद न केवल एक विरोध है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि अगर मज़दूर हितों की अनदेखी की गई, तो आंदोलन और तेज होगा।
📍 पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा असर, रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल में बंद की सबसे तीव्र प्रतिक्रिया देखी गई।
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कोलकाता के जाधवपुर स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर उतरकर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी।
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सिलीगुड़ी में सरकारी बसों का संचालन पूरी तरह से बाधित रहा।
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कई ड्राइवरों ने हेलमेट पहनकर बसें चलाईं, ताकि किसी भी हिंसा से अपनी सुरक्षा कर सकें।
एक बस चालक ने कहा, “हम काम भी करना चाहते हैं और आंदोलन का समर्थन भी। हेलमेट पहनना हमारी मजबूरी है, हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं।”
🚆 बिहार में भी बंद की जोरदार गूंज
बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सचिवालय हॉल्ट स्टेशन पर प्रदर्शन करते हुए रेलवे ट्रैक को बाधित किया।
यह विरोध 2025 विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भी था। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राज्य सरकार जानबूझकर कई वर्गों को मतदाता सूची से बाहर कर रही है।
इस प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
📉 सेवाओं पर असर: बैंक, बस, ट्रेन, स्कूल सब प्रभावित
भारत बंद के कारण कई अहम सेवाओं पर सीधा असर पड़ा:
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परिवहन सेवाएं:
कई राज्यों में बसें नहीं चलीं, ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों ने भी समर्थन जताया। -
रेलवे सेवाएं:
ट्रेनें देर से चलीं या रद्द हुईं, प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। -
बैंकिंग सेवाएं:
बैंकों में कामकाज बाधित रहा, चेक क्लीयरेंस और ग्राहक सेवाएं धीमी पड़ीं। -
शिक्षा संस्थान:
कई स्कूलों-कॉलेजों में उपस्थिति कम रही या संस्थान बंद रहे।
⚠️ कहीं-कहीं हिंसा और आगजनी की भी खबरें
हालांकि अधिकतर स्थानों पर बंद शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कुछ इलाकों में टकराव, झड़प और हल्की आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं। कई जिलों में एहतियातन धारा 144 लागू की गई है और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई।
💬 प्रदर्शनकारियों की आवाज़:
प्रदर्शनकारियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“हम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हैं। अगर सरकार हमें सुनेगी नहीं, तो हम और व्यापक आंदोलन करेंगे।”
🤔 भारत बंद: जनता के लिए असुविधा या लोकतांत्रिक अधिकार?
जहां एक ओर बंद के कारण आम जनता को असुविधा का सामना करना पड़ा, वहीं दूसरी ओर लोग इसे लोकतंत्र का जरूरी पहलू भी मानते हैं।
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