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30 Oct 2025, Thu

Bharat की सबसे अमीर सेल्फमेड बिजनेसवुमन 2025: जयंश्री उल्लाल ने रचा इतिहास

Bharat की सबसे अमीर सेल्फमेड बिजनेसवुमन 2025: जयंश्री उल्लाल ने रचा इतिहास

“सपनों को हकीकत में बदलने वाली भारतीय महिलाएँ – अब वैश्विक मंच पर भी आर्थिक नेतृत्व संभाल रहीं”


भारत की महिलाओं ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मेहनत, दृष्टि और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी सीमा अजेय नहीं है। हाल ही में जारी M3M हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 में भारतीय मूल की कई महिलाओं ने अपनी जगह बनाई है। इस सूची में सबसे ऊपर हैं अरिस्टा नेटवर्क्स की सीईओ जयंश्री उल्लाल, जिनकी कुल संपत्ति ₹50,170 करोड़ आंकी गई है। वे इस वर्ष की सबसे अमीर सेल्फमेड भारतीय महिला उद्यमी बन गई हैं।


🌐 शीर्ष 10 सेल्फमेड भारतीय बिजनेसवुमन (2025)

रैंक नाम कंपनी कुल संपत्ति (₹ करोड़)
1 जयंश्री उल्लाल अरिस्टा नेटवर्क्स 50,170
2 राधा वेम्बू ज़ोहो कॉर्पोरेशन 46,580
3 फाल्गुनी नायर एवं परिवार नायका 39,810
4 किरण मजूमदार-शॉ बायोकॉन 29,330
5 रुचि कालरा एवं परिवार ऑफ़बिज़नेस 9,130
6 जूही चावला एवं परिवार नाइट राइडर स्पोर्ट्स 7,790
7 नेहा बंसल लेंसकार्ट 5,640
8 इंद्रा के. नूयी पेप्सिको 5,130
9 नेहा नर्खेडे एवं परिवार कॉन्फ्लुएंट 4,160
10 कविथा सुब्रमणियन अपस्टॉक्स 3,840

💼 जयंश्री उल्लाल: नेटवर्किंग की दुनिया की “क्वीन”

भारत में जन्मीं और अमेरिका में पली-बढ़ीं जयंश्री उल्लाल आज दुनिया की सबसे प्रभावशाली टेक्नोलॉजी लीडर्स में गिनी जाती हैं।
वे अरिस्टा नेटवर्क्स की President एवं CEO हैं — जो क्लाउड कंप्यूटिंग और नेटवर्किंग सॉल्यूशन्स में अग्रणी कंपनी है।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत सिस्को सिस्टम्स से की थी, जहाँ उन्होंने 15 साल तक काम किया। तकनीकी विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता के कारण वे अरिस्टा में CEO बनीं और कंपनी को अरबों डॉलर का कारोबार देने में सफल रहीं।
आज वे कंपनी की 3% से अधिक हिस्सेदारी रखती हैं और सिलिकॉन वैली की सबसे सम्मानित बिजनेस लीडर्स में शामिल हैं।

उनकी सफलता की कहानी यह संदेश देती है कि भारतीय महिलाएँ न सिर्फ भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी टेक्नोलॉजी की दिशा तय कर रही हैं।


🧠 राधा वेम्बू: ‘ज़ोहो’ की शांत किंतु सशक्त शक्ति

सूची में दूसरे स्थान पर हैं राधा वेम्बू, जो ज़ोहो कॉर्पोरेशन की सह-मालकिन हैं।
राधा वेम्बू अपने भाई श्रीधर वेम्बू के साथ मिलकर इस कंपनी को विश्व स्तर तक पहुँचाने में मुख्य भूमिका निभा रही हैं।
ज़ोहो एक भारतीय SaaS (Software-as-a-Service) कंपनी है, जिसने क्लाउड सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में दुनिया के बड़े दिग्गजों को चुनौती दी है।

दिलचस्प बात यह है कि राधा वेम्बू बहुत ही निजी स्वभाव की हैं। वे मीडिया से दूरी बनाए रखती हैं, लेकिन कंपनी के संचालन और रणनीति में उनका योगदान असाधारण है।
उनकी कुल संपत्ति ₹46,580 करोड़ आँकी गई है।


💄 फाल्गुनी नायर: एक बैंकर से ‘नायका क्वीन’ बनने तक का सफर

तीसरे स्थान पर हैं फाल्गुनी नायर, जिन्होंने नायका (Nykaa) की स्थापना की।
एक समय आईसीआईसीआई बैंक में टॉप इन्वेस्टमेंट बैंकर रही फाल्गुनी नायर ने 50 वर्ष की उम्र में उद्यमिता की शुरुआत की — और आज नायका एक मल्टीबिलियन ब्रांड बन चुका है।

उन्होंने भारतीय महिलाओं की सुंदरता से जुड़ी जरूरतों को डिजिटल युग से जोड़ा और एक ऐसे प्लेटफॉर्म की नींव रखी जहाँ हर भारतीय महिला को अपने पसंदीदा ब्रांड्स तक पहुँच मिली।
₹39,810 करोड़ की संपत्ति के साथ वे भारत की सबसे प्रेरणादायक उद्यमियों में से एक हैं।


🧬 किरण मजूमदार-शॉ: बायोटेक्नोलॉजी की मिसाल

किरण मजूमदार-शॉ, जिन्होंने बायोकॉन की स्थापना की, चौथे स्थान पर हैं।
उन्होंने एक ऐसे क्षेत्र में कदम रखा जहाँ भारत में महिलाओं की भागीदारी बेहद सीमित थी — लेकिन आज बायोकॉन भारत की सबसे बड़ी बायोटेक कंपनियों में गिनी जाती है।

उनकी संपत्ति ₹29,330 करोड़ है और वे भारत की “बायोटेक क्वीन” कही जाती हैं।
किरण मजूमदार-शॉ यह दिखाती हैं कि विज्ञान और व्यवसाय का संगम कैसे सामाजिक परिवर्तन की दिशा तय कर सकता है।


🚀 नई पीढ़ी की बिजनेस लीडर्स

रुचि कालरा (OfBusiness), नेहा बंसल (Lenskart), नेहा नर्खेडे (Confluent) और कविथा सुब्रमणियन (Upstox) जैसे नाम यह दर्शाते हैं कि नई पीढ़ी की महिलाएँ अब पारंपरिक सीमाओं को तोड़ रही हैं।

  • रुचि कालरा ने B2B बिजनेस फाइनेंसिंग के क्षेत्र में अपनी कंपनी ‘OfBusiness’ को यूनिकॉर्न बनाया।

  • नेहा बंसल, जिन्होंने अपने पति के साथ ‘Lenskart’ को बढ़ाया, अब भारत के सबसे सफल रिटेल-टेक उद्यमों में शामिल हैं।

  • नेहा नर्खेडे ने Apache Kafka जैसी टेक्नोलॉजी से अपनी पहचान बनाई और बाद में Confluent की सह-संस्थापक बनीं।

  • वहीं कविथा सुब्रमणियन ने ‘Upstox’ के माध्यम से फिनटेक जगत में महिलाओं के लिए नई राह खोली।


🎬 जूही चावला और इंद्रा नूयी का खास स्थान

इस सूची में दिलचस्प नाम जूही चावला का भी है, जो फिल्मी दुनिया से व्यवसाय की ओर मुड़ीं।
IPL टीम “कोलकाता नाइट राइडर्स” में उनकी हिस्सेदारी और रियल एस्टेट निवेशों ने उन्हें ₹7,790 करोड़ की संपत्ति दिलाई है।

वहीं इंद्रा नूयी, पेप्सिको की पूर्व सीईओ, भारतीय मूल की वैश्विक महिला लीडर के रूप में आठवें स्थान पर हैं।
उनकी संपत्ति ₹5,130 करोड़ है और वे आज भी दुनिया भर की महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं।


📊 महिला उद्यमिता का नया दौर

यह सूची केवल संपत्ति का मापदंड नहीं है, बल्कि यह भारत के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की गवाही भी देती है।
कुछ प्रमुख बातें जो इस रिपोर्ट से उभरती हैं:

  1. विविधता – ये महिलाएँ टेक, फार्मा, फिनटेक, ई-कॉमर्स और ब्यूटी जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से हैं।

  2. वैश्विक नेतृत्व – जयंश्री उल्लाल और नेहा नर्खेडे जैसी महिलाएँ वैश्विक कंपनियों का संचालन कर रही हैं।

  3. स्थिरता और रणनीति – इन महिलाओं ने केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि स्थायी और नवाचार-आधारित मॉडल बनाए।

  4. संतुलन की मिसाल – परिवार, समाज और व्यवसाय के बीच संतुलन बनाए रखते हुए इन्होंने आर्थिक दुनिया में अपनी पहचान बनाई।


🔮 आगे की राह

भारत में महिलाओं के लिए उद्यमिता का भविष्य अब पहले से कहीं उज्जवल है।
सरकार की योजनाएँ, स्टार्टअप संस्कृति, डिजिटल क्रांति और निवेशकों का बढ़ता भरोसा इस परिवर्तन को और तेज कर रहे हैं।

यदि यही रफ़्तार बनी रही, तो अगले दशक में भारत से कई और सेल्फमेड महिला अरबपति उभरेंगी — जो न सिर्फ़ अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएँगी, बल्कि समाज में लैंगिक समानता की नई परिभाषा गढ़ेंगी।


✨ निष्कर्ष

2025 की हुरुन रिच लिस्ट यह स्पष्ट संदेश देती है — “भारतीय महिलाएँ अब केवल प्रेरणा नहीं, बल्कि आर्थिक शक्ति का पर्याय बन चुकी हैं।”
जयंश्री उल्लाल की उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि यह उस यात्रा का प्रतीक है जिसमें भारत की महिलाएँ अब “सपनों से सफलता” तक की पूरी कहानी खुद लिख रही हैं।

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