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30 Oct 2025, Thu

Bihar चुनाव 2025: BJP-JDU ने तय किया सीट शेयरिंग, चिराग-मांझी से अभी बाकी अंतिम बातचीत

Bihar चुनाव 2025: BJP-JDU ने तय किया सीट शेयरिंग, चिराग-मांझी से अभी बाकी अंतिम बातचीत

Bihar Election 2025: BJP-JDU में सीट शेयरिंग पर बनी सहमति, चिराग-मांझी से अंतिम बातचीत बाकी

बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हालिया मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में न सिर्फ चर्चा का केंद्र बनाया बल्कि अटकलों को भी हवा दी कि आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीट बंटवारे की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं।

गुरुवार को पटना में अमित शाह के सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान हुई यह मुलाकात राजनीतिक रणनीतिकारों और दलों के नेताओं के लिए संकेतों से भरी रही। दोनों नेताओं की बातचीत को बिहार के राजनीतिक विश्लेषक आगामी चुनाव के लिए एक अहम कदम के रूप में देख रहे हैं।


BJP-JDU के बीच शुरुआती सहमति

सूत्रों के मुताबिक बैठक में बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो खास सिपहसालार संजय झा और विजय चौधरी भी मौजूद थे। जानकारी के अनुसार, भाजपा और जदयू के बीच सीटों के शुरुआती खाके पर सहमति बन चुकी है

हालांकि यह खाका अभी अंतिम रूप नहीं पाया है। इसे लेकर गठबंधन के सहयोगी दलों जैसे लोक जनशक्ति पार्टी (LJP), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मत्स्यजीवी पार्टी (RLM) के साथ बातचीत जारी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गठबंधन के भीतर सभी दलों को संतुलित हिस्सेदारी देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि एनडीए एकजुट और मजबूत दिखाई दे।


अंतिम फैसला नवरात्र के दौरान?

पटना के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीट बंटवारे का अंतिम फैसला नवरात्र के दौरान घोषित किया जा सकता है। नवरात्र का पर्व इस साल 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समय राजनीतिक एकजुटता का संदेश जनता तक पहुँचाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

चुनावी पटल पर यह समय इसलिए भी अहम है क्योंकि बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा अक्टूबर के पहले सप्ताह में होने की संभावना जताई जा रही है। इस बार मतदान छठ पूजा के बाद होने की उम्मीद है।


पिछली बार के चुनाव और वर्तमान स्थिति

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू की स्थिति अपेक्षाकृत कमजोर रही थी, जबकि भाजपा राज्य में बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। लेकिन हाल के दिनों में नीतीश कुमार के एनडीए में लौटने के बाद समीकरण बदल चुके हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस गठबंधन की रणनीति और सीट शेयरिंग का निर्णय राजनीतिक दृष्टि से निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। एनडीए की एकता, सीट बंटवारे की स्पष्टता और सहयोगी दलों की भागीदारी आगामी चुनाव में उनकी सफलता की कुंजी बन सकती है।


गठबंधन में नीतीश की भूमिका

नीतीश कुमार इस गठबंधन में सम्मानजनक हिस्सेदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनके नेतृत्व और राजनीतिक अनुभव का मूल्यांकन किया जाए। दूसरी ओर, भाजपा नेतृत्व यह सुनिश्चित करना चाहता है कि गठबंधन की एकता बनी रहे और विपक्षी गठबंधन INDIA को चुनौती दी जा सके।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि गठबंधन में संतुलन और सभी दलों की हिस्सेदारी पर सहमति ही आगामी चुनाव में एनडीए की ताकत को प्रभावित करेगी। यही कारण है कि सीट बंटवारे और गठबंधन की घोषणा दोनों ही महत्वपूर्ण घटनाएँ हैं।


सहयोगी दलों की प्रतिक्रिया

लोजपा, HAM और RLM जैसे सहयोगी दलों के नेताओं के साथ अभी अंतिम बातचीत बाकी है। इनमें से प्रत्येक दल अपनी राजनीतिक ताकत और क्षेत्रीय प्रभाव के आधार पर सीटों की मांग कर रहा है। यह बातचीत संवेदनशील मानी जा रही है क्योंकि सभी दलों को संतुष्ट करना एनडीए की एकता के लिए अहम है।

पूर्व चुनावों के अनुभव के अनुसार, अगर सहयोगी दल संतुष्ट नहीं होते हैं, तो चुनावी परिणामों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसलिए गठबंधन के बड़े दलों के लिए यह आवश्यक है कि वे सभी दलों के हितों का संतुलन बनाए रखें।


सीट बंटवारे का राजनीतिक असर

सियासी जानकारों का मानना है कि सीट बंटवारे और गठबंधन की घोषणा के बाद बिहार की राजनीतिक हवा में हलचल और तेज़ हो जाएगी। एनडीए को चुनावी रणनीति के तहत यह दिखाना होगा कि वह एकजुट और मजबूत है। वहीं विपक्षी गठबंधन INDIA भी अपनी तैयारियों में तेजी लाने वाला है।

इससे यह संकेत भी मिलता है कि बिहार चुनाव 2025 में राजनीतिक समीकरणों में बदलाव और नई रणनीतियाँ देखने को मिलेंगी। सीट बंटवारे का निर्णय पार्टी और गठबंधन की सफलता की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम होगा।


निष्कर्ष

बिहार चुनाव 2025 के लिए सीट शेयरिंग और गठबंधन की तैयारियाँ अब राजनीतिक चर्चा का मुख्य विषय बन गई हैं। BJP और JDU के बीच प्रारंभिक सहमति, सहयोगी दलों के साथ चल रही बातचीत और नवरात्र के समय अंतिम निर्णय की संभावना, सभी संकेत देते हैं कि एनडीए बिहार में चुनावी रणनीति को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है

नीतीश कुमार और अमित शाह की मुलाकात ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि गठबंधन की एकता और चुनावी सफलता के लिए दोनों पक्ष गंभीर हैं। अब बिहार के मतदाता इस गठबंधन और सीट बंटवारे के परिणामों को लेकर अगले महीनों में राजनीतिक घटनाओं पर नजर रखने वाले हैं।

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