Breaking
29 Oct 2025, Wed

बिना FASTag वाहनों को बड़ी राहत: अब UPI से टोल भुगतान करने पर लगेगा सिर्फ 1.25 गुना शुल्क, नकद भुगतान पर रहेगा 2 गुना जुर्माना

बिना FASTag वाहनों को बड़ी राहत: अब UPI से टोल भुगतान करने पर लगेगा सिर्फ 1.25 गुना शुल्क, नकद भुगतान पर रहेगा 2 गुना जुर्माना

बिना FASTag वाहनों को बड़ी राहत: अब UPI से टोल भुगतान करने पर लगेगा सिर्फ 1.25 गुना शुल्क, नकद भुगतान पर रहेगा 2 गुना जुर्माना

15 नवंबर से लागू होगी नई व्यवस्था, सड़क परिवहन मंत्रालय का बड़ा फैसला

नई दिल्ली।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बिना फास्टैग (FASTag) वाले वाहनों के मालिकों को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। मंत्रालय ने कहा है कि जो वाहन मालिक टोल प्लाजा पर फास्टैग का उपयोग नहीं करते, उन्हें अब पूरी तरह से दोगुना टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा, अगर वे UPI या अन्य डिजिटल माध्यम से भुगतान करते हैं।

नई व्यवस्था के अनुसार, 15 नवंबर 2025 से यदि कोई वाहन बिना फास्टैग टोल प्लाजा से गुजरता है, तो वह UPI के माध्यम से भुगतान करने पर केवल 1.25 गुना टोल शुल्क देगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी टोल प्लाजा का सामान्य शुल्क ₹100 है, तो फास्टैग न होने की स्थिति में और UPI से भुगतान करने पर चालक को ₹125 देने होंगे।
वहीं, अगर कोई व्यक्ति कैश (नकद) से भुगतान करता है, तो उसे पहले की तरह 2 गुना टोल (₹200) देना पड़ेगा।


क्या है सरकार का उद्देश्य?

सड़क परिवहन मंत्रालय का कहना है कि यह फैसला देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और कैश ट्रांजैक्शन को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मंत्रालय ने बताया कि कई बार टोल प्लाजा पर FASTag न होने के कारण लंबी कतारें लग जाती हैं। ऐसे में, अगर वाहन चालक डिजिटल माध्यम से भुगतान करते हैं, तो फास्टैग की तुलना में थोड़ा अतिरिक्त शुल्क देकर भी समय और सुविधा दोनों की बचत होगी।

मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार,

“हम चाहते हैं कि देश पूरी तरह से कैशलेस टोल सिस्टम की ओर बढ़े। लेकिन हम यह भी समझते हैं कि हर वाहन पर फास्टैग लगाना तुरंत संभव नहीं है। इसलिए हमने यह ‘डिजिटल इंसेंटिव पेनल्टी’ मॉडल अपनाया है, जिसमें जो लोग UPI का इस्तेमाल करेंगे उन्हें नकद भुगतान की तुलना में कम जुर्माना देना होगा।”


वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ

2021 से भारत में टोल प्लाजा पर FASTag अनिवार्य किया गया था। इसका उद्देश्य था — टोल पर रुकावट कम करना, पारदर्शिता बढ़ाना और ईंधन की बर्बादी रोकना।
हालांकि, अभी भी देश में करीब 8 से 10 प्रतिशत वाहन ऐसे हैं जो फास्टैग का उपयोग नहीं करते।
ऐसे वाहनों को हर बार दोगुना टोल देना पड़ता है, जिससे कई चालक परेशान रहते हैं।

कई बार FASTag में तकनीकी खराबी, नेटवर्क समस्या या बैलेंस न होने की स्थिति में भी चालक को जुर्माना देना पड़ता था। अब नई व्यवस्था में अगर फास्टैग न होने पर चालक UPI से भुगतान करता है, तो उसे काफी राहत मिलेगी।


UPI भुगतान से क्या बदलेगा?

नई व्यवस्था के बाद अब टोल प्लाजा पर डिजिटल पेमेंट की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

  • UPI, PhonePe, Paytm, Google Pay जैसे ऐप से भुगतान की सुविधा दी जाएगी।

  • टोल पर QR कोड स्कैन कर तुरंत भुगतान किया जा सकेगा।

  • भुगतान की पुष्टि होते ही बैरियर अपने आप खुल जाएगा।

  • इससे कैश हैंडलिंग, सिक्कों की गिनती और मानव त्रुटियाँ कम होंगी।

इससे टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय (waiting time) भी कम होगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या घटेगी।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) का अनुमान है कि नई प्रणाली से देशभर में प्रति वर्ष करोड़ों लीटर ईंधन की बचत होगी, जो पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित होगा।


टोल पर लागू होगा “डिजिटल पेमेंट डिस्काउंट मॉडल”

नई नीति को “डिजिटल पेमेंट डिस्काउंट मॉडल” नाम दिया गया है। इसका अर्थ है —
जो लोग फास्टैग नहीं रखते, उन्हें फास्टैग धारकों की तुलना में थोड़ा अधिक टोल देना होगा, लेकिन यह जुर्माना कैश भुगतान की तुलना में काफी कम होगा।

भुगतान का तरीका टोल शुल्क (₹100 के उदाहरण पर)
FASTag भुगतान ₹100 (कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं)
UPI / डिजिटल भुगतान ₹125 (1.25 गुना शुल्क)
नकद भुगतान ₹200 (2 गुना शुल्क)

लोगों की प्रतिक्रियाएँ

नई व्यवस्था को लेकर वाहन मालिकों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं।
कई लोगों ने इसे “सकारात्मक कदम” बताया है, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि सरकार को फास्टैग व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि तकनीकी समस्याओं से निपटा जा सके।

लखनऊ निवासी टैक्सी ड्राइवर अशोक कुमार का कहना है,

“कई बार FASTag काम नहीं करता या बैलेंस नहीं दिखाता। उस वक्त हमें दोगुना टोल देना पड़ता था। अब अगर UPI से भुगतान करने की सुविधा मिलेगी तो यह बहुत अच्छा कदम है।”

वहीं दिल्ली-जयपुर हाइवे पर ट्रक मालिक सुरेश यादव ने कहा,

“हमारे कई ड्राइवरों के पास स्मार्टफोन नहीं होते, इसलिए कैश ही देते हैं। सरकार को पहले डिजिटल सुविधा हर टोल पर आसान बनानी चाहिए।”


सरकार की आगे की योजना

सूत्रों के मुताबिक, यह नई व्यवस्था एक ट्रायल आधार पर लागू की जाएगी।
अगर यह सफल रहती है, तो इसे देशभर के सभी नेशनल हाईवे टोल प्लाज़ाओं पर स्थायी रूप से लागू किया जाएगा।
इसके अलावा, भविष्य में सरकार “ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग सिस्टम (ANPR)” पर भी काम कर रही है, जिससे बिना किसी टैग या रोक-टोक के सीधे वाहन का टोल बैंक खाते से कट सकेगा।

सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दो वर्षों में भारत के सभी टोल प्लाज़ा “100% डिजिटल और कैशलेस” बन जाएँ।


निष्कर्ष

सड़क परिवहन मंत्रालय का यह नया कदम डिजिटल इंडिया मिशन को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
जहाँ एक ओर यह वाहन चालकों को राहत देगा, वहीं दूसरी ओर टोल प्लाज़ा की कार्यक्षमता और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
फास्टैग न रखने वालों के लिए अब यह एक ‘स्मार्ट पेनल्टी सिस्टम’ होगा — जिसमें नकद भुगतान करने वालों की तुलना में डिजिटल भुगतान करने वालों को काफी राहत मिलेगी।

15 नवंबर से लागू होने के बाद यह नीति भारत के डिजिटल ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नया अध्याय जोड़ देगी।


🗓️ प्रभावी तिथि: 15 नवंबर 2025
🏛️ जारीकर्ता: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH)
💡 मुख्य लाभ: बिना फास्टैग वाहनों को डिजिटल भुगतान पर आंशिक राहत
📲 लागू भुगतान माध्यम: UPI, Paytm, PhonePe, Google Pay, आदि
💰 जुर्माना तुलना:

  • FASTag – 1x

  • UPI पेमेंट – 1.25x

  • कैश पेमेंट – 2x

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *