BPSC 71वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा की आंसर-की हुई जारी, उम्मीदवार 21 से 27 सितंबर तक दर्ज करा सकेंगे आपत्तियां
पटना, 19 सितंबर 2025।
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 71वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा की आंसर-की जारी कर दी है। यह परीक्षा 13 सितंबर 2025 को राज्यभर के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की गई थी। आयोग ने शुक्रवार को आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर सामान्य अध्ययन की आंसर-की उपलब्ध करा दी, जिससे अभ्यर्थी अपने उत्तरों का मिलान कर सकें। अब परीक्षार्थियों को अपनी आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर भी दिया गया है, जो 21 सितंबर से 27 सितंबर 2025 तक ऑनलाइन माध्यम से स्वीकार की जाएंगी।
परीक्षा से जुड़ी अहम जानकारी
71वीं बीपीएससी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 13 सितंबर को किया गया था। इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। परीक्षा का उद्देश्य राज्य में प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, राजस्व सेवा, वित्त सेवा समेत अन्य प्रतिष्ठित पदों पर भर्ती करना है। बीपीएससी की यह परीक्षा बिहार के युवाओं के लिए करियर बनाने का एक बड़ा मंच है, क्योंकि इसके माध्यम से राज्य प्रशासनिक तंत्र में ऊंचे पदों पर सेवा का अवसर मिलता है।
परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित की गई थी और इसमें सामान्य अध्ययन विषय से कुल 150 प्रश्न पूछे गए। हर प्रश्न के लिए उम्मीदवारों को चार विकल्प दिए गए थे, जिनमें से सही उत्तर का चयन करना था। परीक्षा ओएमआर आधारित थी, और हर प्रश्न का समान अंक निर्धारित था।
आंसर-की जारी होने का महत्व
आंसर-की जारी होने के बाद उम्मीदवारों को यह सुविधा मिलती है कि वे अपने उत्तरों का आधिकारिक उत्तरों से मिलान कर सकें। इससे उन्हें अंदाजा हो जाता है कि वे परीक्षा में कितने अंक प्राप्त कर सकते हैं।
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सही उत्तरों का पता चलने पर उम्मीदवार अपने परिणाम को लेकर एक अनुमान लगा सकते हैं।
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यदि किसी प्रश्न के उत्तर को लेकर संदेह या आपत्ति है, तो वे उसे आयोग के समक्ष दर्ज कर सकते हैं।
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पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बीपीएससी समय-समय पर ऐसी सुविधा देता है, जिससे छात्रों का विश्वास बना रहे।
आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया
बीपीएससी ने साफ किया है कि उम्मीदवार 21 सितंबर से 27 सितंबर तक आंसर-की के विरुद्ध आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आयोग ने ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध कराया है।
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आपत्ति दर्ज कराने के लिए उम्मीदवारों को लॉगिन करना होगा।
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हर प्रश्न पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए उम्मीदवारों को ₹250 शुल्क देना होगा।
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आपत्तियों का निस्तारण विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जाएगा। यदि समिति को आपत्ति उचित लगती है, तो उसमें सुधार किया जाएगा और संशोधित आंसर-की जारी की जाएगी।
क्यों जरूरी है आपत्ति दर्ज करने का मौका?
पिछले कुछ वर्षों में कई बार देखा गया है कि परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों या उनके उत्तरों में त्रुटियां रह जाती हैं। कभी-कभी प्रश्न अस्पष्ट होते हैं तो कभी एक से अधिक उत्तर सही माने जा सकते हैं। ऐसे मामलों में छात्रों को आपत्ति दर्ज करने का अधिकार देना बेहद महत्वपूर्ण है।
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यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
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छात्रों को न्याय का अवसर मिलता है।
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आयोग की विश्वसनीयता भी इससे बनी रहती है।
बीपीएससी और प्रतियोगी परीक्षाओं का महत्व
बिहार लोक सेवा आयोग राज्य में सर्वोच्च स्तर की परीक्षाओं का संचालन करता है। इन परीक्षाओं के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, वित्तीय सलाहकार, राजस्व अधिकारी समेत कई उच्च पदों पर चयन किया जाता है।
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बीपीएससी परीक्षा पास करना किसी भी उम्मीदवार के लिए गौरव का विषय होता है।
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इन पदों पर चयनित उम्मीदवार सीधे जनता की सेवा और शासन-प्रशासन में योगदान करते हैं।
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यही कारण है कि हर साल लाखों युवा इस परीक्षा की तैयारी में जुटते हैं और इसे पास करने के लिए वर्षों तक कड़ी मेहनत करते हैं।
उम्मीदवारों की तैयारी और प्रतिस्पर्धा
बीपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इसका कारण है इसमें पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्तर और प्रतियोगियों की संख्या।
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हर साल लाखों उम्मीदवार आवेदन करते हैं, लेकिन अंतिम चयनित उम्मीदवारों की संख्या कुछ ही हजार होती है।
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प्रारंभिक परीक्षा केवल पहला चरण है। इसके बाद मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की लंबी प्रक्रिया होती है।
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इस बार भी लाखों उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, और अब वे परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।
आगे की प्रक्रिया
प्रारंभिक परीक्षा की आंसर-की पर आपत्तियां निपटाने के बाद बीपीएससी संशोधित आंसर-की जारी करेगा। इसके आधार पर परीक्षा परिणाम तैयार किया जाएगा।
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परिणाम घोषित होने के बाद सफल उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा।
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मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए उम्मीदवारों को अपने अध्ययन के स्तर को और गहन करना होगा।
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अंत में सफल उम्मीदवारों का साक्षात्कार (इंटरव्यू) होगा, जिसके आधार पर अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी।
उम्मीदवारों के लिए संदेश
आंसर-की जारी होने के साथ ही उम्मीदवारों को चाहिए कि वे धैर्य और संयम बनाए रखें।
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पहले अपने उत्तरों का सही तरीके से मिलान करें।
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यदि किसी उत्तर पर संदेह है, तो प्रमाण सहित आपत्ति दर्ज कराएं।
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बिना प्रमाण के आपत्ति दर्ज कराने का कोई लाभ नहीं होगा।
साथ ही, उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा की तैयारी पर भी ध्यान देना चाहिए। प्रारंभिक परीक्षा केवल स्क्रीनिंग टेस्ट है, असली परीक्षा तो मुख्य और साक्षात्कार चरण में होती है।
निष्कर्ष
बीपीएससी 71वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा की आंसर-की का जारी होना उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है। इससे न केवल उन्हें अपने प्रदर्शन का आकलन करने का मौका मिलेगा, बल्कि किसी त्रुटिपूर्ण प्रश्न या उत्तर को लेकर आपत्ति दर्ज करने का भी अवसर मिलेगा। 21 से 27 सितंबर के बीच यह प्रक्रिया पूरी होगी, जिसके बाद अंतिम आंसर-की जारी कर परिणाम घोषित किया जाएगा।
इस परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवार भविष्य में बिहार प्रशासनिक तंत्र का अहम हिस्सा बनेंगे और राज्य के विकास में अपनी भूमिका निभाएंगे। इसलिए यह परीक्षा न केवल उम्मीदवारों के करियर के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए महत्वपूर्ण है।
