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30 Oct 2025, Thu

BSP में बड़ा बदलाव: आकाश आनंद बने राष्ट्रीय संयोजक, मायावती ने सौंपी अहम जिम्मेदारी

BSP में बड़ा बदलाव: आकाश आनंद बने राष्ट्रीय संयोजक, मायावती ने सौंपी अहम जिम्मेदारी

BSP में बड़ा फेरबदल: आकाश आनंद बने राष्ट्रीय संयोजक, मायावती ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

UP News: बहुजन समाज पार्टी (BSP) में एक बार फिर बड़ा संगठनात्मक फेरबदल हुआ है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया है। यह पद बीएसपी संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद दूसरा सबसे अहम माना जाता है। इस फैसले के साथ ही आकाश आनंद पार्टी में नंबर दो की भूमिका में आ गए हैं।

अब आकाश आनंद पूरे संगठन की निगरानी करेंगे और देशभर के सभी सेक्टर, केंद्रीय व राज्य कोऑर्डिनेटरों और प्रदेश अध्यक्षों के कामकाज की समीक्षा कर सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे। इससे साफ है कि पार्टी में उनका कद पहले से कहीं बड़ा हो गया है।


आकाश आनंद की नई भूमिका

अब तक आकाश आनंद राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर की भूमिका में थे, लेकिन राष्ट्रीय संयोजक बनने के बाद उन्हें व्यापक जिम्मेदारी मिली है। उनकी भूमिका केवल कुछ राज्यों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे देश के स्तर पर संगठन की दिशा और गतिविधियों की देखरेख करनी होगी।

  • वे सभी कोऑर्डिनेटरों और प्रदेश अध्यक्षों के कार्यों का आकलन करेंगे।

  • संगठनात्मक रणनीति बनाने और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।

  • सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे, जो उनके अधिकार और प्रभाव को और अधिक बढ़ाता है।

यह बदलाव BSP की आगामी राजनीतिक रणनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।


छह राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटरों की नियुक्ति

संगठन में और मजबूती लाने के लिए मायावती ने राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटरों की संख्या भी बढ़ाई है। पहले यह संख्या चार थी, जिसे अब बढ़ाकर छह कर दिया गया है। नई नियुक्त सूची इस प्रकार है:

  • रामजी गौतम

  • राजाराम

  • रणधीर सिंह बेनीवाल

  • लालजी मेधांकर

  • अतर सिंह राव

  • धर्मवीर सिंह अशोक

इन नियुक्तियों से यह संदेश साफ है कि मायावती संगठन को राज्यों और क्षेत्रों में और अधिक सक्रिय बनाना चाहती हैं।


प्रदेश अध्यक्षों की नई सूची

राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ प्रदेश स्तर पर भी व्यापक फेरबदल किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश से लेकर दक्षिण और उत्तर-पूर्व के राज्यों तक के अध्यक्षों को बदला गया या पुनर्नियुक्त किया गया है।

  • उत्तर प्रदेश – विश्वनाथ पाल

  • दिल्ली – राजेश तंवर

  • मध्य प्रदेश – रमाकांत पिप्पल

  • छत्तीसगढ़ – श्याम टंडन

  • बिहार – शंकर महतो

  • महाराष्ट्र – डॉ. सुनील डोंगरे

  • कर्नाटक – एम. कृष्णा मूर्ति

  • तमिलनाडु – पी. आनंद

  • केरल – ज्वाय आर. थॉमस

  • हरियाणा – कृष्ण जमारपुर

  • पंजाब – अवतार सिंह करीपुरी

  • राजस्थान – प्रेम बारुपाल

  • झारखंड – शिव पूजन मेहता

  • पश्चिम बंगाल – मनोज हवलदार

  • ओडिशा – सरोज कुमार नायक

  • आंध्र प्रदेश – बंदेला गौतम

  • तेलंगाना – इब्राम शेखर

  • गुजरात – भगूभाई परमार

  • हिमाचल प्रदेश – विक्रम सिंह नायर

  • जम्मू कश्मीर – दर्शन राणा

  • चंडीगढ़ – बृजपाल

  • उत्तराखंड – अमरजीत सिंह

इन नियुक्तियों से पार्टी का संगठनात्मक ढांचा नया रूप लेता नजर आ रहा है।


आकाश आनंद की उतार-चढ़ाव भरी वापसी

आकाश आनंद का राजनीतिक सफर हाल के वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव से गुजरा है।

  • मार्च 2025 में मायावती ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था और सभी पदों से हटा दिया था। उस समय मायावती ने कहा था कि आकाश आनंद अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में पार्टी के हितों की अनदेखी कर रहे थे।

  • मायावती ने यह भी टिप्पणी की थी कि आकाश को आत्मचिंतन करना चाहिए और राजनीतिक परिपक्वता दिखानी चाहिए।

  • इसके बाद मई 2025 में उन्हें वापसी कराते हुए मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया गया।

  • और अब, अगस्त 2025 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त कर दिया गया है।

यह उतार-चढ़ाव दिखाता है कि आकाश आनंद मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर कितने अहम माने जाते हैं।


राजनीतिक महत्व और संभावित असर

आकाश आनंद को मिली नई जिम्मेदारी केवल संगठनात्मक फेरबदल नहीं है, बल्कि BSP की आगामी राजनीतिक दिशा को भी दर्शाती है।

  1. उत्तराधिकारी की भूमिका मजबूत – मायावती लगातार उम्रदराज हो रही हैं और राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि आकाश आनंद को धीरे-धीरे पार्टी का अगला चेहरा बनाने की तैयारी हो रही है।

  2. युवा नेतृत्व पर जोर – BSP लंबे समय से नए वोटबैंक को आकर्षित करने के लिए युवा नेतृत्व को सामने लाने की कोशिश कर रही है। आकाश की नियुक्ति इसी दिशा में एक कदम है।

  3. 2027 विधानसभा चुनावों की तैयारी – उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में चुनाव आने वाले वर्षों में होने हैं। BSP संगठन को नए ढांचे और नेतृत्व के साथ मजबूत करना चाहती है।

  4. संदेश और अनुशासन – आकाश आनंद को पहले निकालना और फिर पुनः उच्च जिम्मेदारी देना, यह भी बताता है कि मायावती पार्टी अनुशासन को सर्वोपरि मानती हैं, लेकिन क्षमता और संभावनाओं को भी महत्व देती हैं।


निष्कर्ष

BSP में यह बड़ा फेरबदल न केवल पार्टी की आंतरिक राजनीति का संकेत है, बल्कि भविष्य की रणनीति की झलक भी देता है। आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक बनाना उनकी राजनीतिक वापसी का बड़ा चरण है और यह तय करता है कि आने वाले वर्षों में वे BSP के प्रमुख चेहरे के रूप में उभरेंगे।

प्रदेश अध्यक्षों और कोऑर्डिनेटरों की नई नियुक्तियाँ पार्टी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने का प्रयास हैं। अब देखना यह होगा कि आकाश आनंद अपनी नई जिम्मेदारियों को किस तरह निभाते हैं और क्या वे पार्टी को 2027 के चुनावी परिदृश्य में मजबूत स्थिति में ला पाते हैं।

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