CBSE की बड़ी घोषणा: कब होंगी 2026 की बोर्ड परीक्षाएं? छात्रों को मिला अप्रत्याशित तोहफ़ा
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की संभावित तिथियों की घोषणा कर दी है। यह खबर देशभर के लाखों छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। सीबीएसई के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं 17 फरवरी 2026 से शुरू होकर जुलाई 2026 तक अलग-अलग चरणों में आयोजित की जाएंगी। यह कदम न केवल छात्रों को पढ़ाई की बेहतर योजना बनाने का मौका देगा बल्कि परीक्षा संबंधी तनाव को भी काफी हद तक कम करेगा।
समय से पहले घोषणा का महत्व
अक्सर छात्रों और शिक्षकों को परीक्षा की तारीखों का इंतजार करना पड़ता है, जिससे आखिरी समय में पढ़ाई का दबाव बढ़ जाता है। लेकिन इस बार सीबीएसई ने डेटशीट काफी पहले जारी की है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज के अनुसार, यह संभावित टाइम-टेबल छात्रों और शिक्षकों दोनों को अपनी रणनीति तय करने में मदद करेगा। स्कूल प्रशासन भी अब अपने शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों को व्यवस्थित तरीके से संचालित कर सकेगा।
कक्षा 10वीं के लिए दो चरणों में परीक्षा
इस साल 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सीबीएसई ने नई नीति के तहत 10वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने का फैसला लिया है।
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पहला चरण (अनिवार्य): 17 फरवरी से 9 मार्च 2026 तक आयोजित होगा। इसमें सभी छात्रों को शामिल होना जरूरी होगा।
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दूसरा चरण (वैकल्पिक): 15 मई से 1 जून 2026 तक आयोजित होगा। इसमें छात्र अपनी इच्छा से शामिल होकर तीन विषयों—विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में—अपने अंक सुधारने का प्रयास कर सकेंगे।
यह व्यवस्था छात्रों को एक और मौका देने के उद्देश्य से लाई गई है, ताकि वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें और अपने भविष्य को मजबूत बना सकें।
कक्षा 12वीं की परीक्षाएं
कक्षा 12वीं की मुख्य परीक्षाएं भी 17 फरवरी से 9 अप्रैल 2026 तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षाओं की समाप्ति के बाद छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं जैसे जेईई, नीट आदि की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
विशेष प्रावधान के तहत खेलों से जुड़े छात्रों की परीक्षाएं 17 फरवरी से 15 जुलाई 2026 तक कराई जाएंगी, जिससे वे अपनी खेल गतिविधियों के साथ पढ़ाई को भी संतुलित कर सकें।
विशाल परीक्षा तंत्र
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा केवल शैक्षणिक गतिविधि ही नहीं बल्कि एक विशाल प्रशासनिक और लॉजिस्टिक ऑपरेशन भी है। इस वर्ष भारत के 204 शहरों और विदेश के 26 देशों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। अनुमान है कि लगभग 45 लाख छात्र-छात्राएं 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शामिल होंगे। इतनी बड़ी संख्या में परीक्षाओं का संचालन किसी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन हर साल की तरह सीबीएसई इसे सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए तैयार है।
अग्रिम घोषणा से लाभ
परीक्षा की तारीखें पहले से घोषित होने के कई फायदे हैं:
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छात्र अपनी पढ़ाई की रणनीति समय रहते बना सकते हैं।
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स्कूल पाठ्यक्रम को समय पर पूरा कर रिवीजन और मॉक टेस्ट करवा सकते हैं।
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शिक्षकों को छात्रों की कमजोरियों की पहचान कर सुधारने का अवसर मिलता है।
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छात्रों को तनावमुक्त होकर पढ़ाई करने का माहौल मिलता है।
डीपीएस स्कूल के प्रिंसिपल राजेश शर्मा ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा, “अब छात्र अपनी कमजोरियों पर अधिक ध्यान देकर अच्छे अंक ला पाएंगे। यह कदम निश्चित रूप से परिणाम सुधारने वाला साबित होगा।”
इसी तरह, शिक्षिका सुनीता सिंह ने कहा, “हम शिक्षक अब छात्रों के साथ मिलकर एक विस्तृत पढ़ाई का शेड्यूल बना सकते हैं। इसमें नियमित रिवीजन और मूल्यांकन शामिल होंगे। इसका असर रिजल्ट पर साफ दिखेगा।”
छात्रों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
छात्र भी इस बदलाव से बेहद उत्साहित हैं।
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12वीं के छात्र रवि कुमार ने कहा, “हमें अतिरिक्त समय मिलना बहुत अच्छा है। अब मैं अपनी कमजोरियों पर और अधिक ध्यान दे सकता हूं।”
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10वीं की छात्रा प्रिया वर्मा ने कहा, “दो बार परीक्षा देने का विकल्प शानदार है। अगर पहली बार अच्छे नंबर नहीं आते, तो भी मेरे पास सुधार का मौका रहेगा।”
तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
अब जबकि छात्रों को लंबा समय मिला है, वे इस अवधि का सही उपयोग करके अच्छे परिणाम पा सकते हैं। विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिए हैं:
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एक व्यवस्थित टाइम-टेबल बनाएं – सभी विषयों को संतुलित महत्व देते हुए पढ़ाई का कार्यक्रम तैयार करें।
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एनसीईआरटी पर फोकस करें – बुनियादी अवधारणाओं को मजबूत करने के लिए एनसीईआरटी की किताबें सबसे ज्यादा उपयोगी हैं।
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नियमित मॉक टेस्ट दें – पुराने प्रश्नपत्रों को हल करने से समय प्रबंधन और परीक्षा पैटर्न की समझ बढ़ेगी।
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स्वास्थ्य का ध्यान रखें – संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और समय-समय पर ब्रेक लेना जरूरी है।
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शिक्षकों से मार्गदर्शन लें – किसी भी विषय में दिक्कत होने पर तुरंत शिक्षकों से मदद लें।
निष्कर्ष
सीबीएसई का यह निर्णय छात्रों के हित में एक दूरदर्शी और सकारात्मक कदम है। दो चरणों वाली 10वीं परीक्षा और अग्रिम घोषणा से न केवल छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि परीक्षा प्रणाली भी अधिक लचीली और छात्र-केंद्रित बनेगी। अब छात्रों के पास अपनी तैयारी को नई दिशा देने और तनावमुक्त होकर अच्छे परिणाम हासिल करने का सुनहरा अवसर है।
शिक्षा जगत को विश्वास है कि इस बदलाव से आने वाले वर्षों में परीक्षाओं के परिणाम और भी बेहतर होंगे। अंततः, यह छात्रों की मेहनत, समर्पण और सही रणनीति पर निर्भर करेगा कि वे इस मौके का कितना लाभ उठा पाते हैं।
