BCCI Coaching Staff Update: एशिया कप 2025 से पहले भारतीय टीम के बैकरूम स्टाफ में बड़ा फेरबदल, तेज गेंदबाजों के खास थे मसाज थेरेपिस्ट बाहर
एशिया कप 2025 से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के बैकरूम स्टाफ में बड़े बदलाव करने का फैसला किया है। टीम के लंबे समय से जुड़े मसाज थेरेपिस्ट राजीव कुमार को नया कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया गया है। राजीव कुमार भारतीय टीम के साथ पिछले 15 वर्षों से जुड़े थे और हाल ही में संपन्न इंग्लैंड दौरे में भी सपोर्ट स्टाफ का हिस्सा रहे। उनके जाने से तेज गेंदबाजों समेत कई खिलाड़ियों में खासा असर पड़ा।
बीसीसीआई ने क्यों किया स्टाफ में बदलाव?
पूर्व बल्लेबाजी कोच अभिषेक नायर और स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई को भी टीम से अलग किया गया था। इस फैसले के पीछे मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि लंबे समय तक सहयोगी स्टाफ टीम के विकास में अपेक्षित लाभ नहीं दे पाता। बीसीसीआई के एक सूत्र के अनुसार, टीम के साथ लंबे समय तक बने रहने से खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ के बीच एक स्तर की सहजता बढ़ जाती है, जो कभी-कभी टीम के प्रदर्शन और नई रणनीतियों के लिए हानिकारक हो सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजीव कुमार के स्थान पर नई रिकवरी स्पेशलिस्ट (मसाज थेरेपिस्ट) की सिफारिश पहले ही टीम प्रबंधन द्वारा की जा चुकी है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि नए मसाज थेरेपिस्ट का नाम एशिया कप 2025 में टीम के साथ होगा या नहीं।
राजीव कुमार और तेज गेंदबाजों का विशेष रिश्ता
राजीव कुमार का टीम के तेज गेंदबाजों के साथ बेहद गहरा और व्यक्तिगत रिश्ता था। मोहम्मद शमी ने सोशल मीडिया पर उनके साथ जन्मदिन की तस्वीर साझा की थी, जिसमें इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार भी मौजूद थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि टीम में उनके योगदान को खिलाड़ी व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों रूपों में अहम मानते थे।
राजीव कुमार की विदाई उन खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा बदलाव है, जो लंबे समय से उनके मार्गदर्शन और सहारे पर भरोसा कर रहे थे। इससे पहले बीसीसीआई ने अरुण कानडे, जो टीम के अन्य मसाज थेरेपिस्ट थे, को भी टीम से अलग कर दिया था।
गौतम गंभीर युग में लगातार हो रहे बदलाव
राहुल द्रविड़ के स्थान पर गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद टीम इंडिया के बैकरूम स्टाफ में लगातार बदलाव हो रहे हैं। गंभीर के आने के बाद पहले बल्लेबाजी कोच अभिषेक नायर और सहायक कोच रयान टेन डोशेट को टीम में शामिल किया गया। गेंदबाजी कोच के रूप में मॉर्ने मॉर्कल और स्ट्रेंथ व कंडीशनिंग कोच के तौर पर एड्रियन ले रूक्स को टीम में रखा गया।
फील्डिंग कोच टी दिलीप को पहले हटा दिया गया था, लेकिन इंग्लैंड दौरे से पहले उन्हें वापस टीम में बुला लिया गया। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि एशिया कप में वह फील्डिंग कोच के रूप में टीम का हिस्सा होंगे या नहीं।
सितांशु कोटक बने बल्लेबाजी कोच
ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हारने के बाद बीसीसीआई ने सितांशु कोटक को टीम का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया। इसके चलते अभिषेक नायर को उनके पद से हटाया गया। कोटक का चयन भारतीय बल्लेबाजों की तकनीक सुधारने और टीम को रणनीतिक रूप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से किया गया।
भारतीय टीम का मौजूदा सपोर्ट स्टाफ
एशिया कप 2025 के दृष्टिगत टीम इंडिया का वर्तमान बैकरूम स्टाफ इस प्रकार है:
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हेड कोच: गौतम गंभीर
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सहायक कोच: रयान टेन डोशेट (फील्डिंग जिम्मेदारी सहित)
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बैटिंग कोच: सितांशु कोटक
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बॉलिंग कोच: मॉर्ने मॉर्कल
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स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच: एड्रियन ले रूक्स
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फील्डिंग कोच: टी दिलीप (अस्पष्ट)
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थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट: राघवेंद्र द्विवेदी (रघु)
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लॉजिस्टिक्स मैनेजर: उपाध्याय
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वीडियो एनालिस्ट: हरी
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रिकवरी स्पेशलिस्ट (मसाज थेरेपिस्ट): रिक्त
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अतिरिक्त थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट: उर्फ रघु और कोलंबो से एक पूर्व श्रीलंकाई विशेषज्ञ
परिणाम और संभावित प्रभाव
राजीव कुमार और अन्य प्रमुख सपोर्ट स्टाफ के जाने से टीम में तेज गेंदबाजों और अन्य खिलाड़ियों के लिए नई चुनौती खड़ी हुई है। नए मसाज थेरेपिस्ट और अन्य सहायक स्टाफ को टीम की गतिशीलता और खिलाड़ी की जरूरतों के अनुसार जल्दी ढलना होगा। इसके अलावा, बैकरूम स्टाफ में बदलाव से टीम के मानसिक और शारीरिक समर्थन प्रणाली पर भी असर पड़ सकता है।
हालांकि, बीसीसीआई का मानना है कि नए स्टाफ और रणनीतिक फेरबदल टीम को नई ऊर्जा देंगे और एशिया कप 2025 में बेहतर प्रदर्शन की संभावना बढ़ाएंगे।
निष्कर्ष
एशिया कप 2025 से पहले भारतीय टीम के बैकरूम स्टाफ में हुए बदलाव टीम के लिए नई चुनौतियां और अवसर दोनों लेकर आए हैं। राजीव कुमार जैसे अनुभवी मसाज थेरेपिस्ट का जाना निश्चित रूप से तेज गेंदबाजों के लिए भावनात्मक और पेशेवर रूप से महत्वपूर्ण है।
गौतम गंभीर के नेतृत्व में टीम अब नए सहयोगी स्टाफ के साथ नई रणनीति और प्रशिक्षण पद्धति अपनाएगी। सितांशु कोटक और मॉर्ने मॉर्कल जैसे विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में टीम का प्रदर्शन एशिया कप में निर्णायक साबित हो सकता है।
BCCI के इस कदम से यह संदेश भी मिलता है कि टीम इंडिया लगातार सुधार और नवाचार के रास्ते पर है, चाहे वह बैकरूम स्टाफ में बदलाव हो या मैदान पर नई रणनीति।