Giridih News: हिरणपुर, बंदरकुप्पी और खुटवाढाब गांव में अवैध आरा मिलों पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, 5 लाख से अधिक की लकड़ियां जब्त
गिरिडीह (झारखंड), 24 जुलाई 2025: गिरिडीह जिले में अवैध लकड़ी कटाई और प्रसंस्करण के विरुद्ध वन विभाग की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। **बुधवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तीन गांवों—हिरणपुर, बंदरकुप्पी और खुटवाढाब—में चल रहे तीन अवैध आरा मिलों पर वन विभाग की टीम ने एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में ₹5 लाख से अधिक मूल्य की कीमती लकड़ी और आरा मिल संचालन से जुड़ी कई सामग्रियां बरामद की गईं।
📍 कहाँ-कहाँ हुई छापेमारी?
जानकारी के अनुसार, वन विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि गिरिडीह के इन तीन गांवों में अवैध आरा मिलें संचालित हो रही हैं। इनमें स्थानीय और आसपास के वन क्षेत्रों से चोरी-छिपे लाकर लकड़ी को प्रोसेस किया जा रहा था।
गुप्त सूचना के आधार पर गिरिडीह के वन प्रमंडल पदाधिकारी (DFO) मनीष तिवारी ने वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी (Range Officer) एस.के. रवि के नेतृत्व में एक विशेष छापामार टीम का गठन किया।
बुधवार सुबह टीम ने सबसे पहले हिरणपुर, फिर बंदरकुप्पी, और अंत में खुटवाढाब गांव में एक-एक करके छापेमारी की।
📌 स्रोत: झारखंड वन विभाग
🪵 क्या-क्या मिला छापे में?
छापेमारी के दौरान जिन सामानों की बरामदगी हुई, उनमें शामिल हैं:
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सखुआ, शीशम, गंभार, अकासिया जैसी बहुमूल्य लकड़ियाँ
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लकड़ी काटने और तैयार करने वाली आरा मशीनें
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जनरेटर, ट्रॉली, पुल्ली, हूड और अन्य उपकरण
वन विभाग ने इन सभी अवैध आरा मिलों को मौके पर ही नष्ट (demolish) कर दिया।
👉 अनुमानित कुल जब्त की गई लकड़ी और सामान की कीमत ₹5 लाख से अधिक बताई गई है।
📌 संदर्भ: Prabhat Khabar Giridih Edition
🏃♂️ संचालक फरार
जब वन विभाग की टीम गांवों में दाखिल हुई, तब मिल संचालकों को छापे की भनक लग गई और वे मौके से फरार हो गए। टीम ने हालांकि पूरी आरा मिल को नष्ट करते हुए वहां मौजूद सभी सामान को जब्त कर लिया है।
🗣️ अधिकारियों ने क्या कहा?
वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी एस.के. रवि ने कहा:
“हमने तीन गांवों में स्थानीय ग्रामीणों की सूचना के आधार पर कार्रवाई की है। बरामद की गई लकड़ियाँ बहुमूल्य हैं और इन्हें अवैध रूप से पास के जंगलों से लाया गया था। हमने मशीन, जनरेटर, ट्रॉली समेत अन्य सामग्री भी जब्त की है। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।”
उन्होंने यह भी अपील की कि यदि किसी को अपने क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित आरा मिलों की जानकारी हो, तो वे तत्काल वन विभाग को सूचित करें।
👮 छापामार दल में कौन-कौन थे?
इस विशेष ऑपरेशन में शामिल अधिकारी और कर्मचारी:
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सागर विश्वकर्मा (Forester)
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रोहित पनेरी
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सूरज चौधरी
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अशोक यादव
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रूबी कुमारी
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नंदकिशोर, और अन्य कर्मी
🧾 अवैध आरा मिलों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई
अवैध आरा मिल संचालन भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें:
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भारी जुर्माना
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मशीन और लकड़ी की जब्ती
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कारावास तक की सजा संभव है।
वन विभाग अब जब्त सामान को सरकारी कब्जे में लेकर नीलामी की प्रक्रिया शुरू करेगा।
📘 पूरा अधिनियम पढ़ें: Indian Forest Act, 1927 (PDF)
🌳 गिरिडीह में अवैध कटाई एक गंभीर समस्या
गिरिडीह जिले में अवैध लकड़ी कटाई पिछले कुछ वर्षों से एक गंभीर पर्यावरणीय और प्रशासनिक चुनौती बनती जा रही है। इससे:
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वन्य जीवन को खतरा
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जैव विविधता में गिरावट
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जलवायु पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
वन विभाग अब इस तरह के संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त रणनीति अपना रहा है।
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✅ निष्कर्ष
गिरिडीह में हुई यह छापेमारी एक बड़ा संदेश है उन लोगों के लिए जो वन संपदाओं का अवैध दोहन करते हैं। वन विभाग की तत्परता और स्थानीय ग्रामीणों की सजगता से यह कार्रवाई संभव हुई। ऐसे मामलों में आम जनता की भूमिका भी बेहद अहम है।
यदि आप भी अपने क्षेत्र में अवैध लकड़ी कटाई या आरा मिल संचालन जैसी गतिविधियाँ देखें, तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।