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27 Oct 2025, Mon

Gujrat में गृहमंत्री अमित शाह ने किया स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन

Gujrat में गृहमंत्री अमित शाह ने किया स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन

नवाचार, उद्यमिता और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

गांधीनगर,  सितंबर 2025 – भारत में स्टार्ट-अप संस्कृति और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल की गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आयोजित स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 का भव्य उद्घाटन किया। इस कॉन्क्लेव का आयोजन गुजरात सरकार और i-Hub (Innovation Hub) के सहयोग से किया गया है।

इस अवसर पर अमित शाह ने देशभर से आए युवा उद्यमियों, निवेशकों, उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, “भारत को प्रगति की ओर ले जाना, हर क्षेत्र में सर्वोच्च बनाना और नागरिकों के जीवन को समयानुसार बदलावों से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। आने वाले कुछ दिनों तक गांधीनगर में इसी विषय पर विस्तृत चर्चा और विमर्श होगा।”


स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव का उद्देश्य

भारत आज विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र (Start-up Ecosystem) के रूप में पहचाना जा रहा है। कॉन्क्लेव 2025 का मुख्य उद्देश्य है:

  • युवाओं में उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करना।

  • निवेश और नवाचार के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना।

  • नई तकनीक और डिजिटल समाधान को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना।

  • आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देना।

इस कॉन्क्लेव में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ग्रीन टेक्नोलॉजी, फिनटेक, एग्री-टेक, हेल्थकेयर और एजुकेशन टेक जैसे क्षेत्रों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।


भारत की स्टार्ट-अप शक्ति

वर्तमान में भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप हब बन चुका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 1.25 लाख से अधिक स्टार्ट-अप्स पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से कई ने न सिर्फ घरेलू स्तर पर बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी पहचान बनाई है।

अमित शाह ने इस उपलब्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के युवा आज सिर्फ नौकरी तलाशने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बन रहे हैं। यह देश की आर्थिक संरचना को मजबूती देने के साथ-साथ रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान है।


गुजरात – नवाचार का नया केंद्र

गुजरात लंबे समय से औद्योगिक प्रगति और व्यापारिक परंपरा के लिए जाना जाता रहा है। अब राज्य सरकार इसे स्टार्ट-अप और नवाचार का केंद्र बनाने पर जोर दे रही है।

गांधीनगर में आयोजित इस कॉन्क्लेव के माध्यम से गुजरात सरकार ने यह संदेश दिया है कि राज्य न केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों तथा नए उद्यमियों के लिए भी समान अवसर उपलब्ध कराता है।

i-Hub जैसे प्लेटफॉर्म राज्य में नवोदित उद्यमियों को मेंटरशिप, तकनीकी सहायता, निवेशकों से जुड़ने और वैश्विक नेटवर्क तक पहुँचाने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।


आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट-अप्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान में स्टार्ट-अप्स की भूमिका अहम है।

  • वे देशी तकनीक विकसित कर विदेशी निर्भरता को कम करते हैं।

  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए अवसर पैदा करते हैं।

  • कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में नवाचार लाकर जीवन को आसान बनाते हैं।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि आने वाले वर्षों में भारत को इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।


रोजगार और निवेश की संभावनाएँ

स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 में निवेशकों और फंडिंग एजेंसियों की भी भागीदारी है। उम्मीद है कि इस आयोजन से अरबों रुपये का निवेश आकर्षित होगा।

  • नए स्टार्ट-अप्स को सीड फंडिंग (Seed Funding) और वेंचर कैपिटल (Venture Capital) तक पहुँच मिलेगी।

  • युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

  • भारत में मेड इन इंडिया समाधान विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करेंगे।


तकनीक और नवाचार पर विशेष ध्यान

इस कॉन्क्लेव के दौरान विभिन्न सत्रों में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, ब्लॉकचेन, एआई आधारित समाधान, सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी और ग्रीन एनर्जी जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चाएँ होंगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत इस दिशा में सही कदम उठाता है तो आने वाले दशक में वह न केवल एशिया बल्कि विश्व की स्टार्ट-अप राजधानी बन सकता है।


निष्कर्ष

गांधीनगर में आयोजित स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक और तकनीकी यात्रा का नया पड़ाव है। गृहमंत्री अमित शाह का यह संदेश साफ है कि भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सर्वोच्च बनाना है।

इस कॉन्क्लेव से निकलने वाले विचार, साझेदारियाँ और समाधान आने वाले वर्षों में न सिर्फ गुजरात बल्कि पूरे देश की दिशा और दशा बदलने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

भारत के युवाओं की ऊर्जा, उद्यमिता और नवाचार की शक्ति ही आने वाले समय में नए भारत की असली पहचान बनेगी।

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