Breaking
31 Oct 2025, Fri

Independence Day 2025: भारत और पाकिस्तान की आज़ादी की असली तारीख एक, लेकिन जश्न अलग-अलग क्यों?

Independence Day 2025: भारत और पाकिस्तान की आज़ादी की असली तारीख एक, लेकिन जश्न अलग-अलग क्यों?

Independence Day 2025: भारत और पाकिस्तान की आज़ादी की असली तारीख एक, लेकिन जश्न अलग-अलग क्यों?

इस साल भारत और पाकिस्तान अपनी आज़ादी के 79 साल पूरे कर रहे हैं। भारत हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है, जबकि पाकिस्तान 14 अगस्त को। दिलचस्प बात यह है कि कानूनी रूप से दोनों देशों को एक ही दिन – 15 अगस्त 1947 को – आज़ादी मिली थी, फिर भी पाकिस्तान की तारीख अलग हो गई। इसके पीछे का इतिहास, राजनीति और धार्मिक कारण काफी रोचक हैं।


ब्रिटेन की योजना और तारीख का चुनाव

फरवरी 1947 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने लॉर्ड लुई माउंटबेटन को भारत का आखिरी वायसराय नियुक्त किया। उन्हें आदेश दिया गया था कि 30 जून 1948 तक भारत की सत्ता भारतीय नेताओं को सौंप दी जाए।
लेकिन 1946-47 में बढ़ते सांप्रदायिक दंगों और हिंसा की आशंका के कारण माउंटबेटन ने यह समयसीमा घटाकर अगस्त 1947 कर दी।

18 जुलाई 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (Indian Independence Act) पारित किया गया, जिसमें साफ लिखा था कि 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान, दो स्वतंत्र डोमिनियन के रूप में अस्तित्व में आएंगे। हालांकि सीमाओं का आधिकारिक ऐलान बाद में 17 अगस्त को होना था।

माउंटबेटन ने 15 अगस्त की तारीख चुनने का कारण भी बताया। यह जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ थी – 15 अगस्त 1945 को उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशिया में मित्र देशों की ओर से जापानी सेना का आत्मसमर्पण स्वीकार किया था।


पाकिस्तान के लिए ‘दो तारीख’ का सच

कानूनी दृष्टि से 15 अगस्त 1947 ही दोनों देशों की स्वतंत्रता की तारीख थी। पाकिस्तान के पहले डाक टिकट और मोहम्मद अली जिन्ना के पहले रेडियो संबोधन में भी यही तारीख दर्ज है। जिन्ना ने कहा था –

“15 अगस्त पाकिस्तान का जन्मदिन है।”

लेकिन सत्ता हस्तांतरण का समय अलग था। 14 अगस्त 1947 की सुबह कराची में माउंटबेटन ने पाकिस्तान को सत्ता सौंपी। उसी दिन शाम को वे दिल्ली पहुंचे, जहां आधी रात को भारत को सत्ता हस्तांतरित हुई।

इस तरह पाकिस्तान का वास्तविक स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त ही था, लेकिन उसके उत्सव की शुरुआत एक दिन पहले हो गई।


तारीख बदलने का फैसला – राजनीति और धर्म दोनों वजह

1948 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें स्वतंत्रता दिवस की तारीख 15 अगस्त से बदलकर 14 अगस्त करने का प्रस्ताव रखा गया। इसके पीछे दो मुख्य कारण थे —

  1. राजनीतिक कारण – पाकिस्तान के नेताओं को भारत के साथ एक ही दिन स्वतंत्रता दिवस मनाना स्वीकार नहीं था। यह नए देश की अलग पहचान बनाने की रणनीति थी।

  2. धार्मिक कारण – 14 अगस्त 1947 रमज़ान का 27वां दिन था, जिसे इस्लाम में बेहद पवित्र माना जाता है। इस्लामी मान्यता के अनुसार, इसी रात कुरान का अवतरण हुआ था, जिसे ‘लैलत-उल-क़द्र’ कहा जाता है।

मोहम्मद अली जिन्ना ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और 1948 से पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाना शुरू किया।


भारत में 15 अगस्त का महत्व

भारत के लिए 15 अगस्त केवल ब्रिटिश द्वारा चुनी गई तारीख नहीं थी। यह 1930 के पूर्ण स्वराज दिवस की परंपरा से भी जुड़ा था। 1929 में लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने संकल्प लिया था कि अगर ब्रिटिश सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का दर्जा नहीं देती, तो हम पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करेंगे। इसी के चलते 26 जनवरी को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाया गया।
हालांकि बाद में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी संविधान लागू होने का दिन (गणतंत्र दिवस) बन गया।

इतिहासकार रामचंद्र गुहा के मुताबिक, 15 अगस्त की तारीख भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की भावनाओं से ज्यादा ब्रिटिश साम्राज्य के गौरव से जुड़ी थी, लेकिन भारतीयों के लिए यह दिन आज़ादी और बलिदान का प्रतीक बन गया।


आज की स्थिति

  • भारत – 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, जिसे प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा फहराकर संबोधन देते हैं।

  • पाकिस्तान – 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, हालांकि आधिकारिक दस्तावेजों में आजादी की तारीख 15 अगस्त 1947 दर्ज है।

दोनों देशों की तारीखें आज अलग हैं, लेकिन इतिहास में वे हमेशा एक ही दिन आज़ाद हुए थे। फर्क सिर्फ सत्ता हस्तांतरण के समय, राजनीतिक रणनीति और धार्मिक महत्व का है।


निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान की स्वतंत्रता की कहानी केवल एक तारीख का मामला नहीं है, बल्कि इसमें उपनिवेशवाद की जल्दबाज़ी, विभाजन की त्रासदी, राजनीतिक पहचान और धार्मिक भावनाओं का जटिल मिश्रण शामिल है।
Independence Day 2025 के मौके पर यह समझना ज़रूरी है कि चाहे तारीखें अलग हों, लेकिन दोनों देशों की आज़ादी का मूल दिन एक ही था – 15 अगस्त 1947

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *