झारभूमि सर्वर 19 से 25 सितंबर तक रहेगा डाउन, नागरिक सेवाएँ रहेंगी प्रभावित
रांची, 18 सितंबर 2025 – झारखंड सरकार के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की है। इस सूचना के अनुसार, झारखंड राज्य के भूमि अभिलेखों से जुड़ा झारभूमि (Jharbhoomi) सर्वर आगामी 19 सितंबर 2025 से 25 सितंबर 2025 तक अस्थायी रूप से डाउन रहेगा।
यह कदम झारखंड स्टेट डेटा सेंटर (JHSDC) में तकनीकी उन्नयन और नए इंफ्रास्ट्रक्चर में माइग्रेशन (स्थानांतरण) के चलते उठाया गया है। JAP-IT द्वारा किए जा रहे इस तकनीकी कार्य के कारण सात दिनों तक झारभूमि की सभी ऑनलाइन सेवाएँ नागरिकों को उपलब्ध नहीं होंगी।
क्यों रहेगा झारभूमि सर्वर डाउन?
झारखंड का झारभूमि पोर्टल राज्य का सबसे बड़ा लैंड रिकॉर्ड्स एप्लीकेशन है, जिसके माध्यम से नागरिक अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं, खाता-खतियान निकाल सकते हैं, भूमि से संबंधित निबंधन कर सकते हैं और म्यूटेशन जैसी प्रक्रियाएँ पूरी कर सकते हैं।
अब इस पोर्टल को अधिक सुरक्षित, तेज और स्थायी बनाने के लिए JHSDC 2.0 पर स्थानांतरित किया जा रहा है। माइग्रेशन की इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर डेटा का ट्रांसफर और तकनीकी परीक्षण किया जाना आवश्यक है, जिसके चलते सिस्टम को अस्थायी रूप से बंद करना अनिवार्य हो गया है।
किन सेवाओं पर पड़ेगा असर?
सर्वर डाउन रहने की अवधि में निम्नलिखित सेवाएँ बाधित रहेंगी –
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भूमि रिकॉर्ड (खाता, खतियान, रसीद आदि) देखने की सुविधा
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ऑनलाइन म्यूटेशन आवेदन
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भूमि से संबंधित निबंधन की प्रक्रिया
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राजस्व विभाग की अन्य नागरिक सेवाएँ जो सीधे झारभूमि सर्वर से जुड़ी हैं
हालांकि, विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान सुओ-मोटो म्यूटेशन (Suo-moto Mutation) से संबंधित लेन-देन का नुकसान न हो, इसकी विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
क्या है सुओ-मोटो म्यूटेशन?
सुओ-मोटो म्यूटेशन वह प्रक्रिया है जिसमें भूमि खरीद-फरोख्त या निबंधन के बाद संबंधित खाता-खतियान अपने आप नए खरीदार के नाम दर्ज हो जाते हैं। सामान्यतः इसके लिए अलग से आवेदन करना पड़ता है, लेकिन सुओ-मोटो म्यूटेशन में यह कार्य स्वतः ही संपन्न होता है।
चूंकि सर्वर डाउन रहने से इस प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है, विभाग ने साफ कहा है कि लेन-देन का कोई नुकसान न हो, इसके लिए सभी जिला अधिकारियों को सतर्क किया गया है।
विभागीय निर्देश
झारखंड सरकार ने सभी अपर समाहर्ता और जिला अवर निबंधकों को निर्देश दिया है कि सर्वर डाउन रहने की अवधि में जनता को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँ।
इसके साथ ही, आईटी मैनेजर और झारभूमि पीएमयू को भी तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग देने के आदेश दिए गए हैं, ताकि माइग्रेशन प्रक्रिया समय पर और सुचारू रूप से पूरी की जा सके।
नागरिकों के लिए क्या संदेश?
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि –
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19 से 25 सितंबर तक ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करने से बचें।
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ज़रूरी कार्यों के लिए या तो 19 सितंबर से पहले पोर्टल का उपयोग करें या फिर 25 सितंबर के बाद सेवाएँ बहाल होने पर आवेदन करें।
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भूमि निबंधन और म्यूटेशन से जुड़े जरूरी कागजात रखने वाले नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे इस अवधि में धैर्य बनाए रखें, क्योंकि डेटा माइग्रेशन के बाद सेवाएँ और अधिक तेज़ तथा विश्वसनीय हो जाएंगी।
क्यों जरूरी है यह तकनीकी बदलाव?
झारखंड सरकार लगातार ई-गवर्नेंस की दिशा में काम कर रही है। भूमि से संबंधित विवादों को कम करने और पारदर्शिता लाने के लिए झारभूमि पोर्टल एक बड़ी पहल है।
पिछले कुछ वर्षों में –
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झारभूमि पोर्टल पर लाखों की संख्या में यूज़र सक्रिय हुए हैं।
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प्रतिदिन हजारों नागरिक ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड निकालते हैं।
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म्यूटेशन और निबंधन जैसी सेवाएँ सीधे ऑनलाइन जुड़ी हुई हैं।
इतनी बड़ी संख्या में यूज़र्स को बेहतर सुविधा देने और भविष्य की तकनीकी आवश्यकताओं को देखते हुए सिस्टम को JHSDC 2.0 पर शिफ्ट किया जा रहा है।
संभावित लाभ
सर्वर अपग्रेड और माइग्रेशन के बाद नागरिकों को कई लाभ होंगे –
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तेज और निर्बाध सेवा उपलब्ध होगी।
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सर्वर डाउनटाइम कम होगा।
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डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता में बढ़ोतरी होगी।
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भविष्य में नई सुविधाएँ जोड़ना आसान होगा।
निष्कर्ष
झारभूमि सर्वर के अस्थायी रूप से बंद रहने से लाखों नागरिकों को थोड़ी असुविधा ज़रूर होगी, लेकिन यह कदम लंबी अवधि में लाभकारी साबित होगा। राज्य सरकार का मानना है कि इस माइग्रेशन से भूमि संबंधी सेवाओं में और अधिक पारदर्शिता आएगी तथा तकनीकी रूप से नागरिकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
19 से 25 सितंबर 2025 तक नागरिकों को धैर्य और सहयोग बनाए रखना होगा। इसके बाद झारभूमि पोर्टल एक नए रूप और अधिक क्षमता के साथ राज्यवासियों की सेवा में फिर से उपलब्ध होगा।
