Breaking
26 Jul 2025, Sat

झारखंड बना देश का पहला राज्य जहां होगी माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत

झारखंड बना देश का पहला राज्य जहां होगी माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत

झारखंड बना देश का पहला राज्य जहां होगी माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत

5 अगस्त से शुरू होगा ऐतिहासिक सफर, पहली बार आम लोग देख सकेंगे खदानों की असली दुनिया

झारखंड अब इतिहास रचने जा रहा है। यह देश का पहला राज्य बन गया है जहां माइनिंग टूरिज्म (Mining Tourism) की औपचारिक शुरुआत होने जा रही है। 5 अगस्त 2025 से इस नई और अनोखी पहल की शुरुआत की जाएगी, जिसकी पहली यात्रा हजारीबाग के North Urimari Mines से होगी।

इस ऐतिहासिक योजना का उद्देश्य है आम लोगों को खनन क्षेत्र की दुनिया से परिचित कराना — जहां लोग कोयला खदानों के भीतर की असली प्रक्रिया, तकनीक और पर्यावरणीय प्रबंधन को नज़दीक से देख सकेंगे।

🏢 परियोजना में साझेदारी

इस योजना को सफल बनाने के लिए Jharkhand Tourism Development Corporation (JTDC) और Central Coalfields Limited (CCL) के बीच साझेदारी की गई है। अब झारखंड को केवल झरनों, जंगलों और पहाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि खनन पर्यटन के लिए भी जाना जाएगा।

👨‍👩‍👧‍👦 कौन-कौन कर सकता है यात्रा?

12 वर्ष या उससे ऊपर के सभी लोग इसमें भाग ले सकते हैं

यात्रियों को खदानों के अंदर प्रवेश मिलेगा, जहां उन्हें आधुनिक खनन तकनीकों और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाएगी

हर पर्यटक को हेलमेट, सुरक्षा जैकेट और गाइड मुहैया कराए जाएंगे

 

✨ लॉन्च हुए दो स्पेशल टूर पैकेज

1️⃣ Patratu Route Tour – ₹2500

यात्रा प्रारंभ बिंदु: बिरसा चौक, रांची

पहला पड़ाव: पतरातू घाटी की सुरम्य वादियों का दृश्यावलोकन

लंच ब्रेक: पतरातू में स्वादिष्ट दोपहर भोज

मुख्य आकर्षण: North Urimari Mines का रोमांचक दौरा

👉 यह टूर प्रकृति और खनन का अद्भुत मिश्रण है — जहां हरियाली के बीच तकनीक का अनुभव होगा।

2️⃣ Rajrappa Darshan + Mines Tour – ₹2800

यात्रा प्रारंभ: मां छिन्नमस्तिके मंदिर, राजरप्पा में दर्शन

फिर: पतरातू घाटी की यात्रा

अंत में: North Urimari Mines का तकनीकी दौरा

👉 यह टूर धार्मिक आस्था, प्राकृतिक सौंदर्य और औद्योगिक यात्रा का संगम है।

💼 पर्यटन से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा

सरकार की योजना केवल पर्यटन नहीं, बल्कि स्थानीय रोजगार और भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना है। गाइडिंग, ट्रांसपोर्ट, कैटरिंग, हैंडीक्राफ्ट बिक्री जैसे क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।

🌱 पर्यावरण और सुरक्षा का विशेष ध्यान

खदानों में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए सीमित संख्या में पर्यटकों को अनुमति

यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरे मानक सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण

ग्रीन जोन और नो-एंट्री ज़ोन को चिह्नित किया गया है

 

🔮 भविष्य की योजनाएं

राज्य सरकार की मंशा है कि भविष्य में इस मॉडल को और भी खदानों तक बढ़ाया जाए, जैसे:

Barka Sayal Mines

Piparwar Area

Dhori Mines

इससे पूरे झारखंड में पर्यटन का संतुलित विकास होगा।

✅ निष्कर्ष

झारखंड की यह पहल देश के लिए प्रेरणा बनेगी। यह न केवल पर्यटन क्षेत्र में नवाचार है, बल्कि राज्य की पहचान को ‘खनन + पर्यटन’ के मॉडल में बदलने का साहसी प्रयास भी है। अब पर्यटक झारखंड में सिर्फ प्रकृति नहीं, बल्कि तकनीक, ऊर्जा और विकास की कहानी को भी जी सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *