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23 Oct 2025, Thu

Jharkhand सरकार ने आदेश जारी किया: सितंबर 2025 का मासिक वेतन 25 सितंबर से दिया जाए

Jharkhand सरकार ने आदेश जारी किया: सितंबर 2025 का मासिक वेतन 25 सितंबर से दिया जाए

राँची, 24 सितंबर 2025 — झारखंड सरकार ने वित्त विभाग के माध्यम से आज एक आदेश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी (राज्यपाल सचिवालय, उच्च न्यायालय, विधानसभा सचिवालय सहित अन्य विभाग) का सितंबर 2025 का मासिक वेतन 25.09.2025 से भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए।

इस आदेश को (ज्योति कुमारी झा, उप सचिव, सरकार) द्वारा जारी किया गया, जिसमें यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इस फैसले के प्रति सभी सम्बंधित कार्यालयों — महालेखाकर, लेखा एवं हकदारी विभाग, विधि विभाग, कोषागार एवं वित्त निदेशालय — को तुरंत सूचना दी जाए और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।


आदेश की पृष्ठभूमि और उद्देश्य

इस आदेश की पृष्ठभूमि में “दुर्गा पूजा के मद्देनज़र” की वज़ह बताई गई है, अर्थात् त्योहारों के चलते वेतन वितरण में दिक्कतें न हों और कर्मचारी समय पर भुगतान प्राप्त करें। आदेश में यह भी उल्लेख है कि यह निर्णय “झारखंड कोषागार संहिता, 2016 के नियम 139” के तहत लिया गया है।

सरकार का यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि त्योहारों के समय जब जनता और कर्मचारी अधिक व्यय करते हैं, वेतन भुगतान के विलंब से उनकी वित्तीय परेशानियाँ बढ़ सकती हैं। इस आदेश से यह सुनिश्चित करना है कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारी बिना किसी बाधा के अपनी आय समय पर प्राप्त कर सकें।


आदेश की प्रमुख विशेषताएँ

  1. सभी सरकारी पदधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू
    आदेश में स्पष्ट किया गया है कि राज्यपाल सचिवालय, उच्च न्यायालय एवं विधानसभा सचिवालय के सभी कार्यालयों में कार्यरत पदाधिकारी और कर्मचारी इस वेतन भुगतान आदेश के दायरे में होंगे।

  2. समय निर्धारण
    आदेश के अनुसार यह विशेष वेतन भुगतान 25 सितंबर 2025 की तिथि से लागू होगा।

  3. सूचना एवं कार्यवाही आदेश
    आदेश में यह भी निर्दिष्ट किया गया है कि महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), मुख्य सचिव, विधि विभाग, कोषागार निदेशालय, सभी विभागाध्यक्ष एवं प्रखंडीय आयुक्त आदि को इस आदेश की सूचना अविलंब भेजी जाए और आवश्यक प्रशासनिक तैयारी की जाए।

  4. कानूनी औचित्य
    यह कार्रवाई “कोषागार संहिता, 2016” के नियम 139 के अंतर्गत की गई है, जो राज्य कोषागार एवं वित्तीय प्रबंधन की मानक प्रक्रियाएँ निर्धारित करती है।


शासन और कर्मचारियों पर प्रभाव

इस आदेश से राज्य सरकार यह संकेत देना चाहती है कि वह समय पर वेतन भुगतान को अपनी प्राथमिकता मानती है। इससे निम्नलिखित प्रभाव होंगे:

  • कर्मचारी संतुष्टि में वृद्धि
    विशेषकर उन कर्मचारियों के लिए जो सीमित संसाधनों पर रहते हैं, समय पर वेतन मिलना उनकी दिन-प्रतिदिन की आवश्यकताओं को सुचारु रूप से पूरा करने में मदद करेगा।

  • व्यय और आर्थिक स्थिरता
    त्योहारों के समय जब खर्च बढ़ जाते हैं — जैसे उपहार, यात्रा, मौज-मस्ती इत्यादि — कर्मचारियों को समय पर आय मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर बनी रहेगी।

  • प्रशासनिक लचीलापन
    विभागों को पूर्व तैयारी करने का समय मिलेगा — बैंकिंग व्यवस्था, वेतन प्रणाली, वित्तीय प्राधिकरणों के बीच समन्वय — ताकि भुगतान प्रक्रिया बाधारहित हो।

  • विश्वास बढ़ना
    सरकार और कर्मचारियों के बीच विश्वास को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि यह एक सकारात्मक संकेत है कि प्रशासन कर्मियों की समस्याओं को समझ रहा है।


चुनौतियाँ और समालोचना

हालाँकि यह आदेश प्रशंसनीय है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं:

  • वित्तीय प्रबंधन
    राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोषागार एवं खजांची व्यवस्था पर्याप्त धनराशि समय पर उपलब्ध कराए, अन्यथा भुगतान अधर में रह सकता है।

  • बैंक और भुगतान प्रणाली
    सभी जिलों और ब्लॉकों में बैंक नेटवर्क या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन सिस्टम सुचारू रूप से काम करना चाहिए, अन्यथा दूरदराज के क्षेत्रों में देरी हो सकती है।

  • अन्य विभागों के समन्वय की जटिलता
    कई विभागों और कार्यालयों को एक साथ इस आदेश को लागू करना है — यदि समन्वय कमजोर हो तो भुगतान में गड़बड़ी हो सकती है।

  • असीम समय दबाव
    आदेश दिए जाने की तारीख (24 सितंबर) और क्रियान्वयन तिथि (25 सितंबर) के बीच सीमित समय है, यह विभागों पर दबाव बढ़ा सकता है।


निष्कर्ष

झारखंड सरकार का यह कदम समयानुकूल और संवेदनशील माना जा सकता है — त्योहारों के समय कर्मचारियों को वित्तीय दबाव से बचाने की दिशा में स्पष्ट प्राथमिकता। हालांकि इसके सफल क्रियान्वयन के लिए विभागीय समन्वय, बैंकिंग व्यवस्था, और समय पर बजट प्रावधानों की आवश्यकता होगी।

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