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30 Oct 2025, Thu

करम पर्व से पहले 50 लाख महिलाओं को मिलेगा ‘मंईयां सम्मान योजना’ का अगस्त महीना का 2,500 रुपये का लाभ

करम पर्व से पहले 50 लाख महिलाओं को मिलेगा ‘मंईयां सम्मान योजना’ का अगस्त महीना का 2,500 रुपये का लाभ

करम पर्व से पहले 50 लाख महिलाओं को मिलेगा ‘मंईयां सम्मान योजना’ का अगस्त महीना का 2,500 रुपये का लाभ

रांची, अगस्त 2025: झारखंड सरकार की प्रमुख सामाजिक सुरक्षा पहल—मुख्यमंत्री “मंईयां सम्मान योजना”—के अंतर्गत 50 लाख से अधिक महिलाओं को अगस्त माह की 13वीं किस्त यानी ₹2,500 उनके बैंक खातों में करम पर्व से पहले ट्रांसफर कर दी जाएगी।


क्या कहा गया है?

सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी ज़िलों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि करम पर्व से पूर्व राशि का भुगतान सुनिश्चित करें। प्रशासन की तैयारी जोरों पर है, ताकि अगली दो–तीन दिनों में लाभार्थियों के खातों में राशि पहुँच सके।

सूत्रों के अनुसार, 31 अगस्त से राशि ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इसका मकसद महिलाओं को त्योहार से पहले आर्थिक सहयोग पहुँचाना है, ताकि वे करम पर्व (जो अगस्त–सितंबर में आता है) और उससे पहले रक्षाबंधन को सहजता से मना सकें।


योजना का परिप्रेक्ष्य: जुलाई की तुलना

जुलाई महीने में भी उपायुक्तों और संबंधित अधिकारियों की सक्रियता से 50 लाख 30 हज़ार से अधिक लाभार्थियों को राशि ट्रांसफर की गई थी। अगस्त में भी इसी संख्या के आसपास महिलाओं को लाभ मिलना तय है।

इस प्रकार, सरकार लगातार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए योजना को समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित कर रही है।


योजना की मौलिक रूपरेखा

  • मंईयां सम्मान योजना का मुख्य उद्देश्य है आर्थिक रूप से कमजोर 21–50 वर्ष की महिलाओं को प्रतिमाह ₹2,500 प्रदान करना।

  • योजना का लाभ पाने के लिए आवश्यक शर्तें:

    • आधार-आधारित बैंक खाता होना

    • आधार और राशन कार्ड का लिंक होना

    • आवेदन में कोई त्रुटि न होना

    • दस्तावेज़ सत्यापन पूरा होना

  • योजना का संचालन विभाग की गाइडलाइन्स और मापदंडों के अनुसार होता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल पात्र और सत्यापित महिलाओं को ही लाभ मिले।


क्यों महत्वपूर्ण है यह योजना?

1. आर्थिक सशक्तिकरण

यह योजना महिलाओं को प्रतिमाह नकद सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है। करम पर्व जैसे त्योहारों के दौरान यह सहायता विशेष रूप से उपयोगी साबित होती है, जिससे महिलाएं अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और त्योहार की तैयारियों में आर्थिक बाधा न आए।

2. सामाजिक जागरूकता और प्रशासनिक जवाबदेही

पंजीकरण, सत्यापन और बैंकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी रूप से लागू करके—और नियमित निर्देश जारी करके—प्रशासन लाभार्थियों तक समय पर सहायता पहुँचा रहा है। इससे योजना के प्रति जनता में विश्वास और उत्साह भी बढ़ता है।

3. त्योहारों के अवसर पर समयबद्ध हस्तांतरण

करम पर्व से पहले राशि भेजना—एक तरह से त्योहारों को लेकर सरकार की संवेदनशीलता की झलक है। पिछली किस्तें, जैसे मई और जुलाई में—रक्षाबंधन और अन्य अवसरों से पहले—भी समय रहते भेजी जा चुकी थीं।


लाभार्थियों के लिए सुझाव

  1. खाते की जांच करें: अप्रैल से अब तक की किसी भी किस्त का ट्रांसफर हुआ या नहीं, यह नियमित रूप से अपने बैंक खाते या संबंधित पोर्टल पर देखें।

  2. सत्यापन और दस्तावेज़ सुनिश्चित करें: आधार और राशन कार्ड का लिंक, आवेदन फॉर्म में दर्ज जानकारी की शुद्धता—सभी की पुष्टि करें।

  3. त्रुटिपूर्ण जानकारी में सुधार करें: यदि आवेदन या दस्तावेज़ में कोई त्रुटि है तो उसकी सुधार प्रक्रिया—पंचायत या CSC केंद्र में जाकर पूरी करें।

  4. संबंधित अधिकारी से संपर्क करें: अगर जुलाई की किस्त मिली हो लेकिन अगस्त की नहीं, तो संबंधित विभाग या जिला कार्यालय से संपर्क करना आपके हित में रहेगा।


भविष्य की संभावनाएँ

सरकार की योजना है कि आने वाले महीनों में भुगतान की प्रक्रिया और भी सुगम और तकनीकी रूप से मज़बूत की जाए। ई-गवर्नेंस टूल्स और ऑनलाइन पोर्टल्स के ज़रिए भुगतान की निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी लाभार्थी को किस्त मिलने में देरी न हो।

इसके अलावा, प्रशासनिक स्तर पर यह भी प्रयास जारी है कि जिन महिलाओं का सत्यापन किसी कारणवश अधूरा रह गया है, उन्हें जल्द से जल्द योजना के दायरे में लाया जाए। इस तरह योजना का दायरा और प्रभाव लगातार बढ़ने की उम्मीद है।


निष्कर्ष

मंईयां सम्मान योजना, झारखंड सरकार की एक ठोस पहल, लाखों महिलाओं को नियमित नकद सहायता देकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। करम पर्व से पहले जितनी सहजता से राशि ट्रांसफर की जा रही है, यह सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में जवाबदेही और संवेदनशीलता को दर्शाता है।

जुलाई में 50 लाख 30 हज़ार और अगस्त में फिर 50 लाख महिलाओं को ₹2,500 की राशि जितनी समय पर और योजनाबद्ध तरीके से दी जा रही है, वह निश्चित ही सरकार और प्रशासन दोनों के लिए प्रशंसनीय है। आशा है कि यह पहल आगे भी महिलाओं के जीवन में आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक सम्मान की नई राह खोलेगी।

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