Kartavya Bhavan‑3 का उद्घाटन आज: एक ही छत के नीचे गृह मंत्रालय समेत कई विभाग
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित Kartavya Bhavan‑3 अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इसका उद्घाटन करेंगे। यह इमारत केंद्र सरकार की Central Vista पुनर्विकास परियोजना के तहत बन रही Common Central Secretariat की पहली पूरी तरह से निर्मित और चालू इमारत है। इस आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल कार्यालय परिसर को कई मंत्रालयों और विभागों को एक ही छत के नीचे लाने के उद्देश्य से बनाया गया है।
🏛️ परियोजना की पृष्ठभूमि
Central Vista Redevelopment Project की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली के केंद्र में स्थित प्रशासनिक ढांचे को आधुनिक, संगठित और ऊर्जा-कुशल बनाना है। इसके अंतर्गत पुराने भवनों जैसे की शास्त्री भवन, निर्माण भवन, उद्योग भवन आदि को हटाकर नए Kartavya Bhavan विकसित किए जा रहे हैं। ये भवन सभी मंत्रालयों को एकीकृत रूप से एक ही परिसर में समेटेंगे, जिससे कार्य-प्रवाह में गति और तालमेल बेहतर हो सके।
📍 Kartavya Bhavan‑3 की विशेषताएं
Kartavya Bhavan‑3 लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैला है। यह इमारत दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और छह मंजिलों के साथ तैयार की गई है। इसका डिजाइन पूरी तरह से ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित है, जिसे GRIHA की चार-स्टार रेटिंग प्राप्त करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
इस भवन में गृह मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भूमि संसाधन विभाग, DoPT और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों के दफ्तर होंगे।
🌱 पर्यावरण के अनुकूल निर्माण
यह भवन केवल भव्यता का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसे पर्यावरण और ऊर्जा की दृष्टि से भी बेहद संवेदनशील तरीके से तैयार किया गया है। इसमें कई अत्याधुनिक व्यवस्थाएँ की गई हैं:
- सौर ऊर्जा: भवन की छत पर सोलर पैनल लगे हैं, जो हर साल लगभग 5.34 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करेंगे।
- जल संरक्षण: भवन में हर दिन करीब 1.1 लाख लीटर अपशिष्ट जल का उपचार कर उसका पुनः उपयोग किया जाएगा। वर्षा जल संचयन प्रणाली, ऑटोमैटिक टॉयलेट फ्लश, सेंसर युक्त नल और ड्रिप इरिगेशन जैसी सुविधाएं इसे जल संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बनाती हैं।
- ऊर्जा दक्षता: LED लाइटिंग, डबल-ग्लेज़्ड खिड़कियाँ, सेंसर बेस्ड लाइट कंट्रोल सिस्टम, अत्याधुनिक HVAC तकनीक और ऊर्जा दक्ष लिफ्टें भवन की ऊर्जा खपत को न्यूनतम बनाएंगी।
- कचरा प्रबंधन: प्रतिदिन एक टन जैविक कचरे को भवन के भीतर ही कम्पोस्ट में बदला जाएगा।
- ईवी चार्जिंग सुविधा: भवन में 120 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग प्वाइंट हैं। पार्किंग के लिए अत्याधुनिक ‘Puzzle Parking System’ है, जिसमें कुल 324 गाड़ियों की क्षमता है।
🏢 ऑफिस सुविधाएँ
इस भवन को कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है:
- 24 बड़े कॉन्फ्रेंस रूम (45 सीटों वाले)
- 26 छोटे मीटिंग रूम (25 सीटों वाले)
- 67 अन्य मीटिंग स्पेस
- 27 आधुनिक लिफ्ट
- बच्चों के लिए क्रेच सुविधा
- मेडिकल रूम, योग कक्ष, कैफेटेरिया और एक बड़ा बहुउद्देशीय हॉल
🔄 मंत्रालयों का स्थानांतरण
Kartavya Bhavan‑3 में सबसे पहले आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA) स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद अन्य मंत्रालयों को चरणबद्ध तरीके से पुराने भवनों से हटा कर नए परिसर में शिफ्ट किया जाएगा। यह कदम पुराने, ऊर्जा-अक्षम और रखरखाव में महंगे भवनों को हटाने की दिशा में उठाया गया है।
यह परिवर्तन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को प्रशासनिक उपयोग से हटाकर उन्हें ‘युगे-युगेन भारत संग्रहालय’ में बदला जाएगा, जहां भारत के इतिहास और प्रशासनिक विकास को प्रदर्शित किया जाएगा।
🙏 प्रधानमंत्री का विशेष निर्देश
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि नए Kartavya Bhavan में कोई मंत्री या अधिकारी अपने ऑफिस में कोई निजी सजावट या परिवर्तन नहीं कर पाएगा। हर किसी को समान कार्यालय स्थान मिलेगा, ताकि सादगी, पारदर्शिता और समानता को बढ़ावा दिया जा सके।
यह नीतिगत निर्णय ‘न्यू इंडिया’ की प्रशासनिक सोच को दर्शाता है, जिसमें सत्ता और सुविधा नहीं, बल्कि सेवा और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाती है।
🔍 क्यों खास है Kartavya Bhavan‑3?
- कार्यकुशलता में बढ़ोतरी: जब सभी मंत्रालय एक ही परिसर में होंगे तो उनके बीच बेहतर तालमेल और तेज़ फैसले संभव होंगे।
- लागत में कटौती: पुराने भवनों की जगह यह नई ऊर्जा-कुशल संरचना बनाए जाने से रखरखाव और बिजली जैसे खर्चों में कमी आएगी।
- कर्मचारी सुविधा: बेहतर वातावरण, बैठने की सुविधा, हवादार कमरों और आधुनिक तकनीकों से कर्मचारियों का कार्यस्थल अधिक आरामदायक होगा।
- हरित पहल: यह भवन पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल बनेगा। इसका डिजाइन जल, ऊर्जा और हरित संसाधनों की अधिकतम बचत को ध्यान में रखकर किया गया है।
📝 निष्कर्ष
Kartavya Bhavan‑3 न केवल एक इमारत है, बल्कि यह भारत के प्रशासनिक ढांचे के नए युग की शुरुआत है। यह नई संरचना एक तरफ प्रौद्योगिकी और हरित ऊर्जा का मेल है, तो दूसरी ओर सादगी और समर्पण का प्रतीक। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार केवल ईंट-पत्थरों की इमारत नहीं बना रही, बल्कि एक नवीन भारत की कार्यशैली को जन्म दे रही है, जहां प्रशासन पारदर्शी, ऊर्जा-कुशल और जन-सेवा केंद्रित होगा।
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