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26 Jul 2025, Sat

कटहल खाने से ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट में शराब का झूठा पॉज़िटिव! केरल के बस चालक की अनोखी कहानी ने पुलिस को भी चौंकाया

कटहल खाने से ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट में शराब का झूठा पॉज़िटिव! केरल के बस चालक की अनोखी कहानी ने पुलिस को भी चौंकाया

कटहल खाने से ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट में शराब का झूठा पॉज़िटिव! केरल के बस चालक की अनोखी कहानी ने पुलिस को भी चौंकाया

परिचय
हाल ही में केरल में एक असाधारण मामला सामने आया जिसने ब्रेथ एनालाइज़र परीक्षण की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए। कैफेस्टीआरसी (Kerala State Road Transport Corporation) के एक बस चालक का शराब परीक्षण पॉज़िटिव आया, जबकि उसने शराब पी ही नहीं थी। जब उसने दावा किया कि उसने केवल ड्यूटी पर आने से पहले कटहल खाया था, तो अधिकारी भी हैरान रह गए। आगे की जांच ने न केवल चालक को निर्दोष साबित किया, बल्कि इस बात को भी उजागर किया कि कुछ खाद्य पदार्थ ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट को गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं।

मामले की शुरुआत: ड्यूटी से पहले कटहल खाना बना मुसीबत
यह घटना तब घटी जब केरल के एक सरकारी बस चालक, जो अपनी ड्यूटी के लिए रवाना हो रहा था, रूटीन चेकअप के तहत ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट से गुज़रा। आमतौर पर यह टेस्ट यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कोई चालक ड्यूटी के दौरान नशे में तो नहीं है। हैरानी की बात यह थी कि चालक के टेस्ट में शराब की उपस्थिति पाई गई। इस पर अधिकारी सकते में आ गए।

चालक ने तुरंत यह कह कर अपना पक्ष रखा कि उसने शराब नहीं पी है, बल्कि ड्यूटी पर आने से पहले उसने केवल कटहल खाया था। अधिकारियों को यह बात अजीब लगी लेकिन उन्होंने उसके आग्रह पर आगे की मेडिकल जांच कराई।

ब्लड टेस्ट ने खोली सच्चाई

चालक की मांग पर जब उसका ब्लड टेस्ट कराया गया, तो रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि उसके खून में अल्कोहल की मात्रा शून्य थी। इससे यह सिद्ध हो गया कि उसने वास्तव में शराब का सेवन नहीं किया था। अब सवाल यह उठा कि ब्रेथ एनालाइज़र पॉज़िटिव क्यों आया?

इसके बाद अधिकारियों ने एक प्रयोग के तहत खुद भी कटहल खाकर ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट किया, और हैरानी की बात ये थी कि उनमें से कुछ में भी अल्कोहल की रीडिंग आनी शुरू हो गई। यह पुष्टि हुई कि कटहल खाने के तुरंत बाद ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट पॉज़िटिव आ सकता है।

कटहल और ब्रेथ एनालाइज़र: वैज्ञानिक कारण क्या है?
कटहल एक प्राकृतिक फल है जिसमें ग्लूकोज और फ्रुक्टोज जैसे सरल शर्कराएं होती हैं। जब यह फल पेट में पचता है, तो इसमें मौजूद कुछ शर्कराएं किण्वन (fermentation) प्रक्रिया से गुजर सकती हैं, खासकर अगर इसे अधिक मात्रा में या पकने के बाद खाया गया हो। इस प्रक्रिया में एथेनॉल या अन्य अल्कोहल यौगिक बन सकते हैं, जो सांस में शामिल होकर ब्रेथ एनालाइज़र को धोखा दे सकते हैं।

ब्रेथ एनालाइज़र मूलतः सांस में मौजूद अल्कोहल वाष्प को मापता है, और यह नहीं बता सकता कि यह अल्कोहल शरीर में पीकर आया है या किसी खाद्य पदार्थ के कारण।

पुलिस और परिवहन विभाग की प्रतिक्रिया
इस मामले के उजागर होने के बाद परिवहन विभाग और पुलिस ने इस बात पर ध्यान देना शुरू किया है कि क्या अन्य खाद्य पदार्थ भी इस प्रकार के झूठे परिणाम दे सकते हैं। अधिकारियों ने कहा है कि वे इस विषय पर वैज्ञानिक सलाह लेंगे और अपने प्रक्रियाओं में कुछ लचीलापन लाने की योजना बना रहे हैं ताकि निर्दोष व्यक्तियों को परेशानी न हो।

ब्रेकिंग पॉइंट: क्या ये पहले भी हुआ है?
यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी खाद्य पदार्थ ने ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट को प्रभावित किया हो। विश्वभर में कई मामलों में देखा गया है कि कुछ फल, माउथवॉश, दवाइयां और यहां तक कि सिरका भी ब्रेथ एनालाइज़र को पॉज़िटिव रीडिंग दे सकते हैं। अमेरिका, जापान और जर्मनी जैसे देशों में भी ऐसे कई केस रिपोर्ट हो चुके हैं।

आम जनता के लिए संदेश
इस घटना से एक महत्वपूर्ण सबक मिलता है कि ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट के नतीजों को अंतिम सत्य मानना गलत हो सकता है, खासकर जब किसी व्यक्ति का आचरण और रक्त परीक्षण उसके खिलाफ न जाए। अगर किसी को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़े, तो वे अपने अधिकारों को समझें और आगे की मेडिकल जांच की मांग करें।

निष्कर्ष

केरल के इस बस चालक की सच्चाई ने एक बड़ी समस्या की ओर इशारा किया है—तकनीकी परीक्षणों की सीमाएं और इंसानी समझ की ज़रूरत। जहां एक तरफ़ कानून व्यवस्था के लिए ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट बेहद आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर इसके झूठे पॉज़िटिव नतीजे निर्दोष लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। परिवहन विभाग और पुलिस को अब इस दिशा में नए दिशा-निर्देश और प्रक्रिया बनानी चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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