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26 Jul 2025, Sat

मिड-एयर फ्लाइट में जन्मा नवजात: एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, क्रू ने करवाई सफल डिलीवरी

मिड-एयर फ्लाइट में जन्मा नवजात: एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, क्रू ने करवाई सफल डिलीवरी

मिड-एयर फ्लाइट में जन्मा नवजात: एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, क्रू ने करवाई सफल डिलीवरी

✈ एक अनोखा पल, जब आसमान में गूंजी नवजात की पहली किलकारी

21 जुलाई 2025 को एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक नियमित उड़ान असाधारण बन गई, जब मस्कट (ओमान) से मुंबई जा रही फ्लाइट में एक थाई महिला यात्री ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। यह घटना मिड-एयर (हवाई यात्रा के दौरान) हुई, जब विमान हजारों फीट की ऊंचाई पर था और ज़मीन से सैकड़ों किलोमीटर दूर।

घटना उस वक्त हुई जब फ्लाइट AI-235 उड़ान पर थी और अचानक एक महिला यात्री को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। यात्री महिला को तत्काल सहायता की आवश्यकता थी, लेकिन जमीन पर कोई अस्पताल नहीं था। ऐसे में एयर इंडिया एक्सप्रेस के क्रू ने अद्भुत सूझबूझ, संवेदनशीलता और प्रशिक्षण का प्रदर्शन किया।

👨‍✈ क्रू मेंबर्स की सतर्कता और तत्परता ने रची मिसाल

रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही महिला यात्री को लेबर पेन शुरू हुआ, फ्लाइट अटेंडेंट्स ने स्थिति को तुरंत भांप लिया और प्लेन में उपस्थित एक प्रशिक्षित नर्स को सहायता के लिए बुलाया गया। विमान के क्रू ने महिला को अलग सीट पर सुरक्षित किया, सभी आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा संसाधन उपलब्ध करवाए, और पूरी सतर्कता के साथ डिलीवरी की प्रक्रिया को अंजाम दिया।

यह घटना एक ऐसे वातावरण में घटी जहां सीमित मेडिकल संसाधन थे, लेकिन फिर भी एयरलाइन स्टाफ ने पूरी दक्षता के साथ यह असाधारण कार्य कर दिखाया। प्लेन में मौजूद अन्य यात्रियों ने भी सहयोग किया और महिला को हर संभव सुविधा दी गई।

👶 सुरक्षित प्रसव, स्वस्थ मां और बच्चा

बच्चे का जन्म सफलतापूर्वक फ्लाइट में हुआ और वह पूरी तरह स्वस्थ है। मां की स्थिति भी स्थिर बताई जा रही है। यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे एयरलाइन के प्रशिक्षित कर्मचारियों की सतर्कता और प्रशिक्षण किसी भी आपातकालीन स्थिति में कितनी मददगार हो सकती है।

लैंडिंग के तुरंत बाद, विमान को प्राथमिकता के आधार पर मुंबई एयरपोर्ट पर उतारा गया और मां-बच्चे को वहां से नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों की हालत को संतोषजनक बताया।

🏥 एयरपोर्ट और अस्पताल की तत्परता

मुंबई एयरपोर्ट पर फ्लाइट के लैंड होते ही मेडिकल टीम पहले से तैयार थी। पहले से सूचना दिए जाने के कारण एक एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम रनवे के पास मौजूद रही। मां और नवजात को बिना किसी देरी के अस्पताल भेजा गया। अस्पताल प्रशासन ने पुष्टि की है कि दोनों की हालत स्थिर है और कोई भी गंभीर जटिलता नहीं है।

💬 एयर इंडिया एक्सप्रेस का आधिकारिक बयान

एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इस असाधारण घटना के बारे में बयान जारी करते हुए कहा:

> “हमारी फ्लाइट AI-235 में एक थाई महिला यात्री ने सफलतापूर्वक बच्चे को जन्म दिया। हमारे केबिन क्रू और ऑनबोर्ड मौजूद एक प्रशिक्षित नर्स के कुशल प्रयासों से डिलीवरी सुरक्षित रूप से हुई। हम अपनी टीम की तत्परता और मानवता के प्रति समर्पण पर गर्व करते हैं।”

 

वहीं, एयरलाइन ने इस मौके पर अपने सोशल मीडिया पेज पर भी फ्लाइट क्रू की एक तस्वीर साझा की, जिसमें टीम को “CONGRATULATIONS” बैनर के साथ खड़े देखा जा सकता है। यह पल ना सिर्फ उनके लिए गर्व का विषय था, बल्कि एक यादगार अनुभव भी।

🌍 मिड-एयर डिलीवरी की घटनाएं: कितनी आम?

हालांकि यह घटना बहुत विशेष है, लेकिन मिड-एयर डिलीवरी की घटनाएं समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में होती रही हैं। अंतरराष्ट्रीय विमानन नियमों के अनुसार, किसी महिला को गर्भावस्था के 36वें सप्ताह के बाद उड़ान की अनुमति नहीं दी जाती, लेकिन कई बार समय से पहले लेबर पेन शुरू हो जाता है।

मिड-एयर डिलीवरी के दौरान सबसे बड़ी चुनौती होती है — सीमित मेडिकल संसाधन, हवा के दबाव में बदलाव और संचार बाधाएं। ऐसे में फ्लाइट क्रू का मेडिकल ट्रेनिंग और आपात स्थिति में शांत बने रहना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

🇮🇳 भारत में एयरलाइन सुरक्षा और मानवीयता का प्रतीक

यह घटना न केवल एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिए बल्कि पूरे भारतीय विमानन जगत के लिए एक सकारात्मक उदाहरण पेश करती है। एयरलाइनों के क्रू को केवल सेवा ही नहीं, बल्कि सुरक्षा, प्राथमिक चिकित्सा, आपात प्रबंधन और मानवीय सहायता की भी ट्रेनिंग दी जाती है। इस घटना ने उस प्रशिक्षण की उपयोगिता और प्रभावशीलता को सिद्ध कर दिया।

🌟 सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार

सोशल मीडिया पर इस घटना की खबर फैलते ही लोग क्रू की तारीफों के पुल बांधने लगे। कई यूज़र्स ने इस पूरे क्रू को ‘असली हीरो’ बताया, जबकि कुछ ने कहा कि यह “जन्म एक उड़ते हुए आशीर्वाद की तरह है।” कई लोगों ने पूछा कि अब इस नवजात का जन्मस्थान क्या माना जाएगा — ‘मुंबई’, ‘मस्कट’ या ‘आकाश’?

🔚 निष्कर्ष

इस पूरी घटना ने यह साबित कर दिया कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी मानवता और पेशेवर जिम्मेदारी मिलकर चमत्कार कर सकती हैं। एयर इंडिया एक्सप्रेस के इस क्रू ने जिस तरह से एक जीवनदायिनी भूमिका निभाई, वह सराहनीय और प्रेरणादायक है।

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