Most Dangerous Countries 2025: महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताजनक वैश्विक रिपोर्ट, भारत–पाकिस्तान की स्थिति क्या है?
दुनिया भर में महिलाओं की सुरक्षा, समानता और स्वतंत्रता को लेकर हालात अब भी संतोषजनक नहीं हैं। एक ओर जहाँ कुछ देश महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी का दर्जा दे रहे हैं, वहीं कई देश आज भी ऐसे हैं जहाँ महिलाओं को बुनियादी अधिकारों से वंचित रहना पड़ता है। हाल ही में सामने आई दो वैश्विक रिपोर्ट्स — Women, Peace and Security Index (WPSI) 2023 और Women’s Danger Index (WDI) 2025 — ने एक बार फिर इन खतरों की गंभीरता उजागर की है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अफगानिस्तान, यमन, कांगो और दक्षिण सूडान जैसे देश महिलाओं के लिए सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं। वहीं भारत और पाकिस्तान को लेकर भी अहम आंकड़े सामने आए हैं। आइए जानते हैं, कौन-से देश महिलाओं के लिए सबसे ख़तरनाक माने गए हैं और भारत-पाकिस्तान की स्थिति इस लिस्ट में कहाँ ठहरती है।
🌍 महिलाओं के लिए दुनिया के 5 सबसे खतरनाक देश – WPSI 2023 के अनुसार
Women, Peace and Security Index (WPSI) महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय और समानता जैसे संकेतकों के आधार पर देशों को रैंक करता है। 2023 के संस्करण में इन पाँच देशों को सबसे खतरनाक माना गया:
रैंक | देश | WPSI स्कोर |
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1 | अफगानिस्तान | 0.286 |
2 | यमन | 0.287 |
3 | सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक | 0.378 |
4 | डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) | 0.384 |
5 | दक्षिण सूडान | 0.388 |
इन देशों में महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुरक्षा और राजनीतिक भागीदारी जैसे बुनियादी अधिकारों से वंचित रहना पड़ता है। युद्ध, आतंकवाद, अस्थिर शासन और पारंपरिक रूढ़िवाद ने महिलाओं की स्थिति को और जटिल बना दिया है।
📉 भारत और पाकिस्तान: आंकड़ों के आईने में
अगर बात भारत और पाकिस्तान की करें, तो दोनों देश महिलाओं की स्थिति को लेकर गंभीर सवालों से घिरे हुए हैं। हालांकि दोनों देशों में महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अब भी चिंता का विषय बनी हुई है।
देश | WPSI स्कोर (2023) | स्थिति |
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भारत | 0.595 | औसत से नीचे लेकिन बेहतर |
पाकिस्तान | 0.481 | भारत से भी बदतर स्थिति में |
🔹 भारत में प्रमुख समस्याएं:
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घरेलू हिंसा और दहेज के मामले
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यौन उत्पीड़न, एसिड अटैक और रेप
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बाल विवाह और स्कूल ड्रॉपआउट
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राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी
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शहरी बनाम ग्रामीण महिला सुरक्षा में अंतर
🔹 पाकिस्तान में प्रमुख समस्याएं:
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ऑनर किलिंग और जबरन शादी
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धार्मिक और सामाजिक पाबंदियां
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महिलाओं की सार्वजनिक जीवन में सीमित भागीदारी
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शिक्षा और रोजगार में असमानता
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न्याय प्रणाली में महिलाओं की अनदेखी
इन आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान महिलाओं के लिए भारत से अधिक असुरक्षित देश है। हालांकि भारत की स्थिति भी संतोषजनक नहीं कही जा सकती।
🔪 Violence-Based Ranking – Women’s Danger Index 2025
अगर महिलाओं के खिलाफ हिंसा की दर देखें, तो कुछ देश विशेष रूप से खतरनाक माने जाते हैं। Women’s Danger Index 2025 के अनुसार:
रैंक | देश | प्रमुख कारण |
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1 | दक्षिण अफ्रीका | सबसे ज्यादा रेप और घरेलू हिंसा |
2 | ब्राज़ील | महिलाओं की हत्या और गैंग क्राइम |
3 | रूस | यौन अपराध और कम कानूनी सुरक्षा |
4 | मेक्सिको | फेमिसाइड (महिलाओं की हत्या) की उच्च दर |
5 | ईरान | जेंडर भेदभाव और धार्मिक कानूनों से बाधा |
इन देशों में यौन हिंसा, मानव तस्करी, और महिलाओं के खिलाफ संगठित अपराध के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं।
🌐 डेनमार्क: महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित देश
रिपोर्ट में डेनमार्क को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित देश माना गया है, जिसका WPSI स्कोर 0.932 है। यहाँ:
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महिलाओं को समान वेतन और कार्यस्थल पर अधिकार मिलते हैं
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शिक्षा और स्वास्थ्य में कोई लैंगिक असमानता नहीं है
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महिला-पुरुष दोनों के लिए कानून समान रूप से लागू होते हैं
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राजनीतिक प्रतिनिधित्व उच्चतम स्तर पर है
डेनमार्क महिला सुरक्षा के लिए एक वैश्विक मॉडल बनकर उभरा है।
📊 भारत में सुधार की दिशा में प्रयास
भारत में महिला सुरक्षा को लेकर पिछले कुछ वर्षों में कुछ उल्लेखनीय प्रयास किए गए हैं:
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निर्भया फंड, वन स्टॉप सेंटर, और महिला हेल्पलाइन 181 जैसी योजनाएं
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POSH Act (कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव अधिनियम) का सख्ती से क्रियान्वयन
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पुलिस थानों में महिला डेस्क की स्थापना
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साइबर अपराध प्रकोष्ठ को मजबूत बनाना
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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी शिक्षा आधारित पहल
लेकिन इन प्रयासों का प्रभाव अभी भी असमान रूप से देखा गया है — विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और वंचित समुदायों में।
🔍 निष्कर्ष: भारत या पाकिस्तान – कौन ज़्यादा खतरनाक?
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WPSI और WDI दोनों रिपोर्टों के आधार पर कहा जा सकता है कि भारत की स्थिति पाकिस्तान से बेहतर है, लेकिन यह स्थिति “अच्छी” नहीं कही जा सकती।
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भारत में सुधार की गति तेज़ है, लेकिन सामाजिक मानसिकता, कानून के क्रियान्वयन और शिक्षा के क्षेत्र में अभी लंबा सफर तय करना बाकी है।
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पाकिस्तान में महिलाओं की सामाजिक भागीदारी और स्वतंत्रता पर अधिक नियंत्रण है, जो महिला सशक्तिकरण की राह में बड़ी बाधा है।
🗣️ क्या समाधान हो सकता है?
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महिला शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता को प्राथमिकता
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कानूनों का कड़ाई से पालन और शीघ्र न्याय
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सामाजिक जागरूकता अभियान
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महिला नेतृत्व को बढ़ावा
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रिपोर्टिंग और डेटा ट्रैकिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाना
महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ सरकारी दायित्व नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। आंकड़े बताते हैं कि हम अभी बहुत पीछे हैं — चाहे भारत हो, पाकिस्तान हो या कोई और देश। जरूरी है कि हम सब मिलकर बदलाव की दिशा में काम करें।