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11 Sep 2025, Thu

Online Gaming Law 2025: अब ऑनलाइन गेमिंग से कमाई पर होगी सीधी सजा, 1 करोड़ रुपये का जुर्माना

Online Gaming Law 2025: अब ऑनलाइन गेमिंग से कमाई पर होगी सीधी सजा, 1 करोड़ रुपये का जुर्माना

Online Gaming Ban 2025: ऑनलाइन मनी गेमिंग पर अब पूरी तरह रोक, कानून बनने के बाद सख्त सजा और भारी जुर्माना

भारत में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर लंबे समय से हो रही बहस आखिरकार एक बड़े फैसले पर पहुंच गई है। संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन बिल 2025 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही यह विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है और देशभर में सभी ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है।

नए कानून के तहत, ऐसे गेम उपलब्ध कराने वालों को तीन साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भुगतना होगा। इतना ही नहीं, ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार करने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। विज्ञापन या प्रमोशन करने वालों को दो साल तक की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।


क्या-क्या शामिल है नए कानून में?

इस कानून में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि केवल ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाना ही अपराध नहीं है, बल्कि उसका प्रचार-प्रसार करना भी गंभीर अपराध माना जाएगा। सरकार का इरादा इस “सामाजिक बुराई” को पूरी तरह समाप्त करना है, ताकि लोगों को लत, कर्ज़ और आर्थिक बर्बादी से बचाया जा सके।

  1. ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध

    • किसी भी ऐप, वेबसाइट या प्लेटफॉर्म पर पैसे लगाकर गेम खेलने की सुविधा देना अब गैरकानूनी होगा।

  2. प्लेटफॉर्म संचालकों के लिए सजा

    • तीन साल तक जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना।

  3. विज्ञापन और प्रचार पर प्रतिबंध

    • ऐसे प्लेटफॉर्म का प्रचार करने पर दो साल की कैद और 50 लाख रुपये का जुर्माना।

  4. कानून का दायरा

    • भारत के भीतर किसी भी रूप में उपलब्ध कराई जाने वाली मनी गेमिंग सेवाएं इसके अंतर्गत आएंगी।


संसद में तेजी से पारित हुआ बिल

इस विधेयक को पास करने में संसद के दोनों सदनों ने तेजी दिखाई।

  • राज्यसभा ने महज 26 मिनट में इसे पास कर दिया।

  • लोकसभा ने केवल 7 मिनट में मंजूरी दे दी।

यह बताता है कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर एकमत थे और समाजहित में इस कानून को जरूरी मानते हैं।


सरकार और नेताओं के बयान

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा कि ऑनलाइन मनी गेमिंग समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। कई लोग अपनी जीवनभर की कमाई इन खेलों में गंवा रहे हैं। उन्होंने इसे “सामाजिक बुराई” बताते हुए कहा कि संसद का कर्तव्य है कि ऐसे खतरों से जनता को बचाया जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह कानून देश में ई-स्पोर्ट्स और स्वस्थ ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा देगा, लेकिन उन खेलों पर रोक लगाएगा जो लोगों की आर्थिक स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य को बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने इसे समाज को हानिकारक प्रवृत्तियों से बचाने की दिशा में बड़ा कदम बताया।


ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर असर

कानून के लागू होते ही कई लोकप्रिय ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने भारत में अपना परिचालन बंद करने का ऐलान कर दिया।

  • ड्रीम11 और विंजो (WinZO) जैसी बड़ी कंपनियों ने कहा कि नए कानून की सख्ती के बाद वे भारत में अपनी सेवाएं जारी नहीं रख सकतीं।

  • उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के गेमिंग उद्योग को बड़ा झटका देगा, लेकिन इससे आम जनता को बड़े वित्तीय नुकसान से बचाया जा सकेगा।


भविष्य की संभावनाएं

आईटी सचिव एस. कृष्णन ने संकेत दिया है कि सरकार इस कानून के प्रावधानों की समय-समय पर समीक्षा करेगी। उनका कहना है कि यह स्थायी रूप से “जमा हुआ” कानून नहीं होगा, बल्कि बदलते हालात और जरूरतों के हिसाब से इसमें संशोधन किए जा सकते हैं।

सरकार यह भी देख रही है कि ई-स्पोर्ट्स और कौशल आधारित गैर-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया जाए, ताकि लोग मनोरंजन और प्रतिस्पर्धा का आनंद ले सकें, लेकिन जुआ जैसी प्रवृत्तियों को रोका जा सके।


निष्कर्ष

ऑनलाइन मनी गेमिंग पर रोक लगाने वाला यह नया कानून भारत के डिजिटल स्पेस में बड़ा बदलाव लाने वाला है। जहां एक ओर इससे गेमिंग उद्योग को झटका लगेगा, वहीं दूसरी ओर लाखों लोगों को आर्थिक और मानसिक नुकसान से बचाने की उम्मीद है।

सरकार का संदेश साफ है – गेमिंग मनोरंजन के लिए है, जुए और लालच के लिए नहीं।

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