Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर में तीन आतंकियों का खात्मा, पहलगाम हमले का लिया बदला
जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी खतरे के बीच भारतीय सुरक्षा बलों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। “ऑपरेशन महादेव” के तहत सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के पास लिडवास क्षेत्र में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया है। बताया जा रहा है कि ये आतंकी इसी साल अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे। यह मुठभेड़ भारत की कड़ी और निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है।
🔥 क्या है ऑपरेशन महादेव?
“ऑपरेशन महादेव” भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की एक संयुक्त कार्रवाई है, जिसे श्रीनगर के लिडवास इलाके में चलाया गया। यह ऑपरेशन आतंकवादियों की सटीक लोकेशन मिलने के बाद सोमवार को शुरू किया गया। सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि “जनरल एरिया लिडवास में संपर्क स्थापित हो गया है और ऑपरेशन जारी है।”
🕵️♂️ कैसे हुआ आतंकियों का पता?
सूत्रों के मुताबिक, दो दिन पहले डाछीगाम के जंगलों में एक संदिग्ध रेडियो बातचीत को सेना ने इंटरसेप्ट किया था। इसके बाद खुफिया एजेंसियों और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आतंकियों की लोकेशन ट्रेस की गई। जानकारी मिलते ही ऑपरेशन की रणनीति तैयार की गई और सोमवार तड़के मुलनार (हरवान क्षेत्र) में सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जब तलाशी अभियान चल रहा था, तभी दूर से दो फायरिंग की आवाजें सुनाई दीं, जिससे आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हो गई। इसके बाद ऑपरेशन और तेज कर दिया गया।
⚔️ कैसे हुआ मुठभेड़ और आतंकी ढेर?
जैसे ही सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की, आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में कुछ ही देर की मुठभेड़ में तीनों आतंकवादी मार गिराए गए। मारे गए आतंकियों के पास से हथियार, ग्रेनेड और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की गई है।
तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी बताए जा रहे हैं, जो गैरकानूनी तरीके से घुसपैठ कर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। इनमें से दो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल थे, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
📍 स्थान विशेष: क्यों महत्वपूर्ण है लिडवास और माउंट महादेव क्षेत्र?
मुठभेड़ श्रीनगर के माउंट महादेव के पास हुई, जो एक रणनीतिक रूप से संवेदनशील इलाका है। यह क्षेत्र डाछीगाम नेशनल पार्क और हरवान जैसे इलाकों से घिरा है, जो घने जंगलों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों के चलते आतंकियों के छिपने का पसंदीदा ठिकाना माना जाता है। सुरक्षा बलों ने इस इलाके में पहली बार इतनी तेज और निर्णायक कार्रवाई की।
🛡️ सेना की मुस्तैदी और रणनीति
सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन में जो मुस्तैदी दिखाई, वह काबिले तारीफ है:
-
सटीक खुफिया इनपुट पर आधारित त्वरित प्रतिक्रिया।
-
आस-पास के इलाकों को खाली कराकर स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
-
ड्रोन और थर्मल इमेजिंग उपकरणों से आतंकियों की स्थिति की पहचान की गई।
-
सभी तीन आतंकियों को चारों तरफ से घेरकर रणनीतिक तरीके से समाप्त किया गया।
🔍 संदेश स्पष्ट: आतंक को बर्दाश्त नहीं
“ऑपरेशन महादेव” भारतीय सुरक्षा बलों की ‘जीरो टॉलरेंस टू टेरर’ नीति का ताजा उदाहरण है। सेना ने जिस पेशेवर तरीके से मुठभेड़ को अंजाम दिया, उससे एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि भारत अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
📣 क्या बोले अधिकारी?
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया:
“यह मुठभेड़ केवल तीन आतंकियों को खत्म करने की कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में निर्णायक कदम है।“
✅ निष्कर्ष
“ऑपरेशन महादेव” जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की चौकसी और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस ऑपरेशन ने न केवल एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया, बल्कि पहलगाम हमले के दोषियों को सजा भी दिलाई। आने वाले समय में भी भारतीय सेना और सुरक्षाबल आतंक के खिलाफ अपने मिशन को जारी रखेंगे और देश की एकता, अखंडता और शांति की रक्षा करेंगे।