PM किसान योजना के नाम पर हो रही ठगी: सरकार ने जारी की चेतावनी, जानिए कैसे बचें साइबर अपराध से
नई दिल्ली | 30 जुलाई 2025
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के लाभार्थी किसानों को लेकर एक गंभीर साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। देशभर में ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं जहाँ किसानों को फर्जी मैसेज और लिंक के ज़रिए “क़िस्त चेक करने” या “बोनस राशि प्राप्त करने” के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है। कृषि मंत्रालय ने इस पर कड़ी चेतावनी जारी की है और किसानों से सावधानी बरतने की अपील की है।
क्या है पीएम किसान योजना?
PM-KISAN योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसके तहत देश के छोटे और सीमांत किसानों को सालाना ₹6000 की सहायता तीन किस्तों में दी जाती है। योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी और अब तक करोड़ों किसान इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
2025 में इसकी 20वीं किस्त का वितरण किया जाना है, जिसे लेकर किसान काफी उत्साहित हैं। इसी उत्साह और उम्मीद का फायदा उठा रहे हैं साइबर अपराधी।
कैसे हो रही है ठगी?
साइबर ठग किसानों को मोबाइल पर मैसेज, व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से फर्जी लिंक भेजते हैं। इन लिंक पर क्लिक करने पर एक नकली वेबसाइट खुलती है जो हूबहू pmkisan.gov.in जैसी दिखती है।
इस वेबसाइट पर किसानों से आधार नंबर, बैंक खाता जानकारी, OTP और अन्य संवेदनशील डिटेल मांगी जाती हैं। जैसे ही किसान ये जानकारी देते हैं, उनके खाते से पैसे गायब कर दिए जाते हैं।
उदाहरण के रूप में ठग कुछ इस तरह के मैसेज भेजते हैं:
- “आपकी अगली पीएम किसान किस्त रुकी हुई है, तुरंत वेरिफाई करें।”
- “₹4000 का बोनस जारी किया जा रहा है, यहाँ क्लिक करें।”
- “आपकी जानकारी अधूरी है, बैंक अकाउंट लिंक करें अन्यथा राशि रुक जाएगी।”
सरकार ने क्या चेतावनी दी है?
कृषि मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोई भी अधिकारी या संस्था फोन, मैसेज या सोशल मीडिया के माध्यम से किसान की व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगती है। यदि ऐसा कोई संपर्क करता है तो वह फर्जी है।
मंत्रालय ने किसानों से अपील की है कि:
- केवल आधिकारिक वेबसाइट www.pmkisan.gov.in पर ही जाएं।
- किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- कोई भी OTP, आधार या बैंक डिटेल किसी को न दें।
- अगर कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज आए तो उसे तुरंत ब्लॉक करें और स्थानीय साइबर थाने में शिकायत करें।
सोशल मीडिया पर भी फैल रही है अफवाहें
फर्जी फेसबुक पेज, व्हाट्सएप ग्रुप और X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। कई ऐसे नकली अकाउंट बनाए गए हैं जिनके प्रोफाइल में सरकारी लोगो या प्रधानमंत्री की तस्वीर होती है। इन पर भरोसा करना खतरनाक साबित हो सकता है।
कृषि मंत्रालय ने क्या उपाय किए हैं?
- आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से लगातार चेतावनी दी जा रही है।
- साइबर अपराधियों की पहचान और कार्यवाही के लिए साइबर क्राइम सेल को सतर्क किया गया है।
- किसानों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए पंचायत स्तर पर पोस्टर, होर्डिंग्स और रेडियो पर प्रचार किया जा रहा है।
किसानों के लिए सुझाव
- OTP कभी भी किसी को साझा न करें।
- PM-KISAN की जानकारी केवल pmkisan.gov.in वेबसाइट से लें।
- कोई भी अनधिकृत ऐप या वेबसाइट डाउनलोड न करें।
- साइबर ठगी की शिकायत cybercrime.gov.in पर करें।
- संशय होने पर नजदीकी CSC केंद्र या कृषि अधिकारी से संपर्क करें।
अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?
यदि कोई किसान इस तरह की ठगी का शिकार हो जाता है, तो वह तुरंत इन कदमों का पालन करे:
- अपने बैंक को फोन करके खाता फ्रीज़ कराएं।
- निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम शाखा में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
- 24×7 साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
निष्कर्ष
सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के साथ-साथ सावधानी बरतना भी ज़रूरी है। पीएम किसान योजना किसानों की आर्थिक मदद के लिए बनाई गई है, लेकिन कुछ साइबर अपराधी इसे अपने फायदे के लिए उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में हर किसान को तकनीकी जानकारी रखना और सतर्क रहना आज की जरूरत बन चुकी है।
महत्वपूर्ण लिंक व स्रोत:
- ✅ सरकारी वेबसाइट: www.pmkisan.gov.in
- ✅ सरकारी X अकाउंट: @pmkisanofficial
- ✅ साइबर क्राइम पोर्टल: www.cybercrime.gov.in
- ✅ साइबर हेल्पलाइन: 1930