रोज़ाना एक कप ब्लैक टी पीने से हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा होता है कम: स्टडी
एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी की रिसर्च में हुआ खुलासा, दिल को बचाने वाला बना ‘काला चाय का प्याला’
परिचय:
चाय हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है, खासकर भारत जैसे देश में जहाँ दिन की शुरुआत ही चाय की चुस्की से होती है। लेकिन अब इस चाय की लोकप्रियता में नया अध्याय जुड़ गया है। ऑस्ट्रेलिया की एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी (ECU) की एक हालिया स्टडी में यह दावा किया गया है कि रोज़ाना एक कप ब्लैक टी (काली चाय) पीने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। यह खबर उन लोगों के लिए राहत भरी हो सकती है जो अपने दिल की सेहत को लेकर चिंतित रहते हैं।
स्टडी के मुख्य निष्कर्ष:
एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हजारों लोगों पर किए गए शोध के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि जो लोग नियमित रूप से एक कप ब्लैक टी पीते हैं, उनमें हृदय संबंधित समस्याओं का खतरा 8% से 14% तक कम हो जाता है। इस अध्ययन में ऐसे बायोकेमिकल तत्वों की पहचान की गई जो ब्लैक टी में पाए जाते हैं और हृदय की धमनियों में कैल्सीफिकेशन को कम करने में मदद करते हैं।
कैसे काम करता है ब्लैक टी का जादू?
ब्लैक टी में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉइड्स नामक यौगिक हृदय के लिए बेहद लाभकारी माने जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स हृदय की धमनियों को साफ रखते हैं और रक्तप्रवाह को बिना किसी अवरोध के बनाए रखते हैं। साथ ही, ये शरीर में मौजूद सूजन को भी कम करते हैं जो अक्सर हृदय रोगों की जड़ होती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह यौगिक:
- दिल की धमनियों में कैल्शियम के जमाव को कम करता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित नहीं होता।
- कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है।
- ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
ब्लैक टी बनाम मिल्क टी:
भारत में अधिकतर लोग दूध वाली चाय पीते हैं, लेकिन इस अध्ययन में विशेष रूप से ब्लैक टी की बात की गई है। इसका कारण यह है कि दूध में मौजूद प्रोटीन फ्लेवोनॉइड्स के प्रभाव को कम कर देता है, जिससे उनके लाभकारी गुण उतने प्रभावी नहीं रह जाते।
ब्लैक टी को बिना दूध और चीनी के पीने से उसका पूरा लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
कैल्सीफिकेशन क्या है और यह क्यों खतरनाक है?
कैल्सीफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धमनियों में कैल्शियम जमा हो जाता है, जिससे वे कठोर हो जाती हैं और रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा होती है। यह रुकावट दिल तक ऑक्सीजन की पहुँच को प्रभावित करती है और इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी घटनाएँ हो सकती हैं।
ब्लैक टी में मौजूद फ्लेवोनॉइड्स इस जमाव को रोकने या कम करने में मदद करते हैं।
अन्य स्वास्थ्य लाभ:
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: यह शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाता है।
- पाचन में सहायक: ब्लैक टी का सेवन अपच और गैस की समस्या को कम कर सकता है।
- मोटापे पर नियंत्रण: यह मेटाबॉलिज्म को तेज कर फैट बर्न करने में मदद करता है।
- मधुमेह नियंत्रण में सहायक: ब्लैक टी का सेवन ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित रखता है।
कितनी मात्रा है सुरक्षित?
हालांकि स्टडी में एक कप ब्लैक टी की बात की गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दिन में 1 से 2 कप ब्लैक टी सुरक्षित मात्रा है। इससे ज्यादा सेवन करने पर कैफीन के दुष्प्रभाव जैसे घबराहट, अनिद्रा, या एसिडिटी हो सकती है।
कैसे बनाएं हेल्दी ब्लैक टी:
- एक कप गर्म पानी में 1 टीस्पून ब्लैक टी पत्ती डालें।
- 2-3 मिनट तक उबालें और छान लें।
- चाहें तो स्वाद के लिए थोड़ा सा नींबू या शहद मिला सकते हैं।
- ध्यान दें: दूध और चीनी न मिलाएं।
विशेषज्ञों की राय:
कई कार्डियोलॉजिस्ट्स इस स्टडी से सहमत हैं और मानते हैं कि ब्लैक टी का संतुलित सेवन दिल के लिए लाभकारी हो सकता है। हालांकि, वे यह भी सलाह देते हैं कि इसका सेवन जीवनशैली में अन्य बदलावों जैसे – संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनावमुक्त जीवन के साथ किया जाए।
निष्कर्ष:
ब्लैक टी एक ऐसा सरल पेय है जो आपकी दिल की सेहत को सुधार सकता है। अगर आप दिल की बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो दिन की शुरुआत एक कप ब्लैक टी से करें – यह न केवल ताजगी देगा, बल्कि आपके दिल को भी मजबूती प्रदान करेगा।