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30 Oct 2025, Thu

SSC Protest 2025: ‘पेपर नहीं, सिस्टम फेल है’… रामलीला मैदान में छात्रों का गुस्सा, जानें वो 10 बड़ी मांगें जिनके लिए उतरे हजारों अभ्यर्थी

SSC Protest 2025: ‘पेपर नहीं, सिस्टम फेल है’… रामलीला मैदान में छात्रों का गुस्सा, जानें वो 10 बड़ी मांगें जिनके लिए उतरे हजारों अभ्यर्थी

SSC Protest 2025: छात्रों का गुस्सा फूटा, पारदर्शिता और जवाबदेही की उठी मांग

दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बार फिर हजारों SSC अभ्यर्थी सड़क पर उतरे। भर्ती परीक्षाओं में लगातार हो रही गड़बड़ियों, तकनीकी खामियों और विवादित एजेंसियों की लापरवाही से परेशान छात्रों ने इस बार बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है। “पेपर नहीं, सिस्टम फेल है…” जैसे नारों से गूंजते रामलीला मैदान में छात्रों की मुख्य मांग है—एक पारदर्शी और जवाबदेह परीक्षा प्रणाली

इस विरोध में सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ से भी उम्मीदवार पहुंचे। उनका कहना है कि SSC की परीक्षाओं में बार-बार होने वाली तकनीकी खामियां और प्रबंधन की नाकामियां उनकी मेहनत और भविष्य दोनों को खतरे में डाल रही हैं।


क्यों दोबारा शुरू हुआ आंदोलन?

जुलाई-अगस्त 2025 में भी SSC की परीक्षाओं को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था। उस दौरान SSC अधिकारियों और मंत्री से बातचीत के बाद छात्रों ने आंदोलन को रोक दिया था। लेकिन 6 अगस्त को आयोजित स्टेनोग्राफर परीक्षा में एक बार फिर गड़बड़ियां सामने आईं। इसके बाद CGL परीक्षा को भी टाल दिया गया।

छात्रों का कहना है कि SSC बार-बार वही गलतियां दोहरा रहा है। कभी तकनीकी खराबी, कभी गलत परीक्षा केंद्र तो कभी पारदर्शिता की कमी—इन्हीं कारणों से उन्हें फिर से सड़क पर उतरना पड़ा।


विवाद की शुरुआत कहां से हुई?

यह विवाद सबसे पहले SSC Selection Post Phase-13 परीक्षा से शुरू हुआ। 1 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर हजारों अभ्यर्थी, शिक्षक और कोचिंग संस्थानों से जुड़े लोग एकत्र हुए।
उन्होंने परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ियों और अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए त्वरित समाधान की मांग की। लेकिन जब कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह गुस्सा रामलीला मैदान तक पहुंच गया


छात्रों की 10 प्रमुख मांगें

रामलीला मैदान में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने अपनी 10 बड़ी मांगें रखीं, जिनमें सबसे अहम हैं:

  1. Eduquity जैसे विवादित वेंडर को तुरंत हटाया जाए।

  2. गलत परीक्षा केंद्रों को ब्लैकलिस्ट किया जाए और उन पर जुर्माना लगाया जाए।

  3. प्राइवेट एजेंसियों की लापरवाही पर उनका अनुबंध रद्द किया जाए।

  4. प्रभावित छात्रों को फीस वापसी और यात्रा भत्ता दिया जाए।

  5. उत्तर कुंजी समय पर जारी हो और आपत्तियां दर्ज करने का अवसर मिले।

  6. 6-8 महीने में पूरी होने वाली एक स्थायी परीक्षा कैलेंडर लागू किया जाए।

  7. EWS छात्रों को भी OBC जैसी सुविधाएं और UPSC छूटे अटेम्प्ट का मुआवजा मिले।

  8. “स्टूडेंट्स कमीशन ऑफ इंडिया” का गठन किया जाए।

  9. फर्जी प्रमाणपत्रों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

  10. परीक्षा केंद्र जरूरत से ज्यादा दूर न दिए जाएं।


आंदोलन का असर

छात्रों का कहना है कि SSC बार-बार अपने ही बनाए वादों को तोड़ रहा है। न तो परीक्षाओं का स्थायी कैलेंडर जारी हुआ, न ही तकनीकी गड़बड़ियों पर ठोस कदम उठाए गए। इस वजह से छात्रों का विश्वास लगातार टूट रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि SSC जल्द ही ठोस समाधान नहीं लाता, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। खासकर ऐसे समय में जब देशभर में लाखों युवा नौकरी की उम्मीद लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठते हैं, उनके धैर्य की परीक्षा लेना खतरनाक हो सकता है।


आगे की राह

छात्रों ने साफ कहा है कि जब तक उनकी 10 प्रमुख मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। उनकी सबसे बड़ी मांग है कि परीक्षाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए ताकि किसी भी उम्मीदवार के साथ अन्याय न हो।

सरकार और SSC पर अब यह दबाव है कि वे छात्रों की इन शिकायतों को गंभीरता से लें। यदि त्वरित समाधान नहीं निकला, तो यह विरोध देशभर में और फैल सकता है।


निष्कर्ष
SSC Protest 2025 सिर्फ एक परीक्षा की गड़बड़ी का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे भर्ती सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल है। अभ्यर्थियों की 10 मांगें उनकी निराशा और सिस्टम से टूटते भरोसे की झलक दिखाती हैं। अब देखना होगा कि SSC और सरकार छात्रों की इन आवाज़ों को सुनती है या यह आंदोलन और उग्र होता है।

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