तनुश्री दत्ता का दर्दनाक खुलासा: ‘अपने घर में मैं हो रही हूँ परेशान, स्वास्थ्य बुरी तरह बिगड़ा’
Tanushree Dutta alleges harassment at home, says police advised filing complaint
🔍 घटना का विवरण
मुंबई, 23 जुलाई 2025 – बॉलीवुड एक्ट्रेस और 2018 में भारत में #MeToo आंदोलन की सबसे प्रसिद्ध चेहरा बनी तनुश्री दत्ता ने हाल ही में एक भावुक वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि पिछले 4–5 वर्षों से उन्हें अपने घर के अंदर ही लगातार परेशान किया जा रहा है। उनके अनुसार, अज्ञात लोग घरों में लगातार दरवाजा पीटते हुए आते हैं, साथ ही संदिग्ध घरेलू सहायिकाएँ (maids) रहती हैं जो चोरी करती हैं और मानसिक तनाव पैदा करती हैं (The Indian Express, Daijiworld, The Economic Times)।
वीडियो में वह कांपते हुए कहती हैं,
“Guys, I am being harassed in my own home… I just called the cops and they have asked me to come to the police station to lodge a proper complaint. I am not well. I have been harassed so much in the past 4–5 years that my health has deteriorated. I am not able to do anything, my house is a mess.” (mint, India Today)
उन्होंने खुलासा किया कि घरेलू सहायिकाएँ “planted maids” थीं—जिन पर उन्होंने चोरी और औरतों को भयभीत करने का आरोप लगाया—जिसके चलते वह भरोसा खो चुकी हैं और घर में कोई मदद नहीं रख पा रही हैं (India Today)।
🩺 शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
तनुश्री बताती हैं कि इन घटनाओं ने उनके स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें Chronic Fatigue Syndrome (सी.एफ.एस.) हो गया है—जो लगातार तनाव, चिंता और नींद की कमी का परिणाम माना जाता है (The Indian Express)।
एक और वीडियो में अचानक तेज आवाज़ (बंगिंग, दरवाजा खटखटाना या छत से आवाज़ें) की पृष्ठभूमि दिखाई देती है, जिसे वह कहती हैं कि 2020 से रोज़ाना हो रहा है, और उसने उन्हें मानसिक रूप से टूटने तक पहुंचा दिया (India Today, mint)। तनुश्री ने स्पष्ट किया कि इन ध्वनि परेशानियों के कारण उन्होंने इयरफोन में हिंदू मंत्र सुनकर खुद को संभाला, लेकिन अब वह टूट चुकी हैं (mint, Daijiworld)।
👮 पुलिस की प्रतिक्रिया और कानूनी कदम
तनुश्री ने वीडियो में बताया कि उन्होंने पुलिस को कॉल किया था और उन्हें सलाह दी गई कि वे पुलिस स्टेशन जाकर formal complaint (FIR) दर्ज़ कराएं (Daijiworld)। वह कहती हैं कि यही कल या परसों (24–25 जुलाई) के दिन वो FIR दर्ज़ करवाएंगी क्योंकि फिलहाल उनकी तबीयत ठीक नहीं है (India Today, The Economic Times)।
उनके कैप्शन में लिखा था:
“I’m sick and tired of this harassment!! It’s been going on since 2018 #metoo… Please someone help me! Do something before it’s too late.” (The Economic Times)
🎥 पहले की घटनाओं और #MeToo अभियान
1. नाना पाटेकर पर आरोप (2009/2018)
तनुश्री ने 2008–2009 में फिल्म Horn ‘Ok’ Pleassss के सेट पर नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। ख़ास तौर पर 26 सितंबर 2018 को Zoom TV को दिए इंटरव्यू में पुनः आरोप लगाया, जिससे भारत में #MeToo आंदोलन को हवा मिली (Wikipedia)। उस दौरान CINTAA ने माफी मांगी, लेकिन समय की सीमा पार होने का हवाला देकर मामले को नहीं खोला (Wikipedia)। 2019 में मुंबई पुलिस ने B-summary रिपोर्ट में नाना को क्लीन चिट दे दी, और शिकायत को “malicious” बताया गया (Daijiworld)।
2. विवेक अग्निहोत्री पर आरोप (2005)
2005 की फिल्म Chocolate के सेट पर निषेधात्मक कपड़े न पहनने, “unprofessional” बुलाये जाने आदि का आरोप उन्होंने विवेक अग्निहोत्री पर लगाया था। इस टिप्पणी ने विवाद जन्म दिया, और अग्निहोत्री ने आरोपों को यह कहकर खारिज किया कि “jab successful nahi hote toh aise allegations hotay hain” (The Times of India)।
🌐 सोशल मीडिया और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर जबरदस्त समर्थन दिखा। कई फॉलोअर्स ने लिखा:
“Everything will be alright! Believe in yourself.”
“Don’t worry, everything will be ok.” (mint)
कुछ यूज़र्स ने पुलिस और महाराष्ट्र सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। कई सेलिब्रिटीज़ ने भी पोस्ट शेयर कर कहा कि उन्होंने एक “बहादुर महिला” की बात उठाई है और उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए।
⚖️ समाज और अधिकारिक परीक्षा
- घर में उत्पीड़न की गंभीरता
आम धारणा यह है कि उत्पीड़न कार्यस्थल या पब्लिक स्पेस तक सीमित होता है, लेकिन तनुश्री का दावा दर्शाता है कि यह अपने घर तक भी पहुंच सकता है। - तेज प्रतिक्रिया की आवश्यकता
क्या हम #MeToo पीड़ितों को सुरक्षा और न्याय प्रदान करने में नाकाम हैं? तनुश्री को अगर सुरक्षा नहीं मिलती, तो आम महिलाओं की स्थिति कितनी चिंताजनक होगी? - चिकित्सीय समर्थन और लंबी लड़ाई
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर यह आघात गहरा प्रभाव डाल सकता है — जैसे खुद तनाव के परिणामस्वरूप वे CFS का शिकार हुई हैं।
🛣️ अब आगे क्या?
- पुलिस अगर FIR दर्ज़ करती है, तो केंद्रीय जांच एजेंसियों (मुम्बई पुलिस, अपराध शाखा आदि) को मामला संभालने का निर्देश आ सकता है।
- मामला आपराधिक मामला या सिविल मुकदमा में बदल सकता है यदि सबूत—जैसे वीडियो, गवाह, ऑडियो रिकॉर्डिंग—प्रदान किये गए।
- #MeToo आंदोलन को यह एक नयी दिशा दे सकता है — जहाँ यह केवल कार्यस्थल तक सीमित नहीं रहकर व्यक्तिगत स्तर पर भी न्याय की आवाज़ बने।
🧭 निष्कर्ष
तनुश्री दत्ता की यह हालिया वीडियो क्लिप दिखाती है कि उत्पीड़न सिर्फ एक घटना नहीं बल्कि एक लंबी, घातक लड़ाई है — और उसे न्याय मिलने में समय लगता है। जब एक ऐसी महिला—जिसने पूरे देश को बोलने का साहस दिया—खुद अपने घर में असुरक्षित महसूस करती है, तो यह हम सबके लिए चेतावनी है।
क्या हमने #MeToo की आवाज़ का न्याय नहीं किया? क्या हमारा सिस्टम इतनी ताक़त रखता है कि वह किसी का विश्वास बचा सके? ये वह सवाल हैं जो तनुश्री की लड़ाई फिर से उठा रही है।