ठाणे में पहली मेट्रो का ट्रायल रन सफल — शहर की यात्रा और कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद
ठाणे, 22 सितंबर 2025: ठाणे में मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) द्वारा संचालित मेट्रो मार्ग 4 और 4A के प्रथम चरण का तकनीकी परीक्षण और ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। 4.4 किलोमीटर लंबे इस प्राथमिक हिस्से में शामिल स्टेशन — गायमुख, गोवणीवाड़ा, कासरवडावली और विजय गार्डन — की बुनियादी तकनीकी जाँच-परख कर ली गयी है और प्रोजेक्ट के अगले चरणों की तैयारियों के लिए सकारात्मक संकेत मिले हैं। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुए इस आयोजन ने ठाणे के परिवहन दृश्य को बदलने की संभावनाओं को मजबूती दी है।
प्रमुख बातें — एक नजर में
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परीक्षणित खंड की लंबाई: 4.4 किलोमीटर
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शामिल स्टेशन: गायमुख, गोवणीवाड़ा, कासरवडावली, विजय गार्डन
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आयोजन में मौजूद: राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारी और तकनीकी टीमें
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उद्देश्य: ट्रैक, सिग्नलिंग, पॉवर, सिस्टम इंटीग्रेशन और सुरक्षा मानकों का औपचारिक परीक्षण
ट्रायल रन में क्या परखा गया
ट्रायल रन के दौरान ट्रैक ले-आउट, एलेवेटेड viaduct की स्थिरता, विंडो वाइपर-सिस्टम, ओवरहेड पॉवर, सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रेन-मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर की इंटीग्रेशन टेस्टिंग की गयी। इसके अलावा प्लेटफार्म-डोर, आपातकालीन निकास व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति के बैकअप एवं ऑन-बोर्ड कम्युनिकेशन सिस्टम की जाँच भी प्राथमिकता से की गयी। तकनीकी अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण में मिली छोटी-मोटी कमियों को चरणबद्ध तरीके से ठीक किया जा रहा है ताकि अगले स्तर के सुरक्षा परीक्षण (जैसे आयोगों द्वारा औपचारिक प्रमाणन) में बाधा न आए।
मुख्यमंत्री एवं अन्य अधिकारियों की भूमिका
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने परियोजना के महत्व पर बल दिया और कहा कि यह ट्रायल रन ठाणे-और-महाराष्ट्र के लिए अभिनव परिवहन सुविधाओं की दिशा में कदम है। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी सुरक्षा मानदंडों और प्रमाणपत्रों को पूरा किए बिना सार्वजनिक संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस कार्यक्रम में मौजूद तकनीकी टीमों ने प्रशासन को प्रक्रिया-वार अपडेट दिए और शेष कार्यों की समय-सीमा साझा की।
आम यात्रियों और स्थानीय व्यापार पर असर
ठाणे के दैनिक यात्रियों के लिए यह परियोजना दूरगामी लाभ लेकर आ सकती है — यात्रा समय में कमी, लोकल बसों व निजी वाहनों पर निर्भरता में कमी और सार्वजनिक परिवहन के विकल्पों में विविधता। स्थानीय दुकानदारों और छोटे व्यवसायों को भी स्टेशन-के आसपास बढ़ती पैदल यातायात से फायदा होने की उम्मीद है। वहीं कुछ व्यापारियों ने ट्रायल रन से पहले की अवधि में निर्माण से जुड़े व्यवधानों का जिक्र किया; प्रशासन ने बताया कि निर्माण संबंधी अस्थायी परेशानियों को कम करने के लिए समन्वित प्रयास जारी हैं।
चुनौतियाँ जो अभी बाकी हैं
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सुरक्षा प्रमाणन: कॉमिशनर ऑफ मेट्रो रेल से संबंधित औपचारिक मंजूरी और स्वतंत्र सुरक्षा आकलन होना बाकी है।
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डिपो एवं रिवर्सल व्यवस्था: डिपो तथा संचालन-समर्थक संरचनाओं को अंतिम रूप देना जरूरी है ताकि नियमित परिचालन सुचारू रहे।
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लास्ट-माइल कनेक्टिविटी: स्टेशन तक आने-जाने के लिए बस, ऑटो व पैदल मार्गों का बेहतर समन्वय आवश्यक है।
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स्टेशन सुविधाएँ: वृद्ध/विकलांग पहुँच, सीढ़ी-एस्केलेटर/लिफ्ट, टिकट काउंटर व परिचालन-कक्षों को अंतिम रूप देना शेष है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ये चुनौतियाँ तकनीकी एवं प्रशासनिक रूप से जानी-पहचानी हैं और उन्हें निर्धारित मानकों के अनुरूप शीघ्र पूरा करने के लिए टीमों को निर्देश दिए गए हैं।
क्षेत्रीय और पर्यावरणीय प्रभाव
मेट्रो के नियमित परिचालन से सड़क-वाहन कम होंगे, जिससे वायु प्रदूषण और शोर-प्रदूषण में कमी की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त निजी वाहनों पर निर्भरता घटने से लंबी अवधि में तेल आयात और परिवहन लागत पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शहरी नियोजन दृष्टि से भी मेट्रो के आसपास बेहतर पब्लिक-स्पेस, पार्किंग-हब और मल्टीमोड कनेक्टिविटी विकसित करने के अवसर पैदा होंगे।
आगे की समयरेखा (संभावित)
प्रारम्भिक ट्रायल रन सफलता के बाद तकनीकी टीमों और सुरक्षा आयोगों के विस्तृत परीक्षण और सुधार कार्य किए जाएंगे। प्रशासनिक अनुमोदन मिलने के बाद प्राथमिक हिस्से को सीमित संचालन के साथ यात्रियों के लिए खोला जा सकता है। पूरा नेटवर्क कब तक चालू होगा — यह शेष हिस्सों की निर्माण-गति, प्रमाणन और बुनियादी ढाँचे की परिपक्वता पर निर्भर करेगा।
निष्कर्ष
ठाणे में पहली मेट्रो के ट्रायल रन की सफलता न सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि है बल्कि शहरी जीवनशैली और यात्रा के तरीके में आने वाले परिवर्तनों का भी संकेत देती है। यदि शेष सुरक्षा और परिचालन-मानकों का अनुपालन समय पर हो गया तो यह परियोजना स्थानीय commuting के साथ-साथ मुंबई-ठाणे मेट्रो नेटवर्क को मजबूती प्रदान करेगी। नागरिकों, व्यापार समुदाय और नगर प्रशासन के समन्वित प्रयास से इस दिशा में और तेजी आ सकती है।
