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22 Jul 2025, Tue

UIDAI का बड़ा फैसला: 1.17 करोड़ आधार कार्ड नंबर रद्द, जानिए वजह और अगला कदम

Aadhaar Card Misuse: यूआईडीएआई की सख्ती से 1.17 करोड़ आधार नंबर रद्द, जानें पूरी जानकारी

UIDAI का बड़ा फैसला: 1.17 करोड़ आधार कार्ड नंबर रद्द, जानिए वजह और अगला कदम

Aadhaar Card Misuse: यूआईडीएआई की सख्ती से 1.17 करोड़ आधार नंबर रद्द, जानें पूरी जानकारी

देशभर में आधार कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने बड़ा कदम उठाया है। UIDAI ने अब तक 1.17 करोड़ से ज्यादा आधार नंबर रद्द (Deactivated) कर दिए हैं। यह निर्णय विशेष रूप से मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए लिया गया है।

क्यों रद्द किए गए इतने आधार नंबर?

UIDAI के अनुसार, यह देखा गया कि कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मृतकों के आधार नंबर का दुरुपयोग हो रहा था। इस तरह के मामलों की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण ने देशभर के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त 1.55 करोड़ मृत्यु के आंकड़ों का विश्लेषण किया। सत्यापन के बाद, 1.17 करोड़ आधार नंबरों को डिएक्टिवेट किया गया।

आधिकारिक बयान

UIDAI की ओर से जारी बयान में कहा गया:

“हमने अब तक 1.17 करोड़ आधार नंबर रद्द किए हैं। यह कार्रवाई नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) से प्राप्त मृत्यु के आंकड़ों के आधार पर की गई है।”

‘माय आधार पोर्टल’ पर नई सुविधा

अब परिजन MyAadhaar Portal के माध्यम से मृतक के आधार नंबर को बंद करवाने के लिए जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित विवरण दर्ज करना होगा:

  • मृतक का आधार नंबर

  • मृत्यु प्रमाण पत्र संख्या

  • प्रमाणित करने के लिए OTP

  • अन्य आवश्यक जनसंख्या विवरण

UIDAI संबंधित जानकारी को सत्यापित करने के बाद आधार नंबर को निष्क्रिय कर देता है।

100 साल से अधिक उम्र वालों की जांच

UIDAI अब 100 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के आधार कार्ड की भी जांच कर रहा है। यह काम फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चल रहा है। इसके अंतर्गत:

  • संबंधित व्यक्ति की स्थिति राज्य सरकारों से जांची जा रही है।

  • यह पुष्टि की जा रही है कि व्यक्ति जीवित है या नहीं।

  • इस प्रक्रिया में विभिन्न जनगणना एवं नागरिक पंजीकरण कार्यालयों से आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं।

आधार डाटा की सुरक्षा क्यों जरूरी है?

आधार कार्ड आज सरकारी योजनाओं, बैंकिंग, बीमा और पहचान के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है। इसका गलत इस्तेमाल कई प्रकार की धोखाधड़ी और नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे:

  • किसी और के नाम पर पेंशन प्राप्त करना

  • गलत व्यक्ति को योजना का लाभ देना

  • बैंकिंग धोखाधड़ी में आधार का प्रयोग

अब तक की स्थिति

बिंदु जानकारी
रद्द किए गए आधार नंबर 1.17 करोड़
राज्य/UTs 24
स्रोत नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS)
नया पोर्टल myaadhaar.uidai.gov.in
अतिरिक्त कार्रवाई 100+ वर्ष उम्र वाले आधार की जांच

किन राज्यों से मिले डेटा?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन राज्यों से UIDAI को डेटा मिला है उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं। वहीं, जिन राज्यों में अभी CRS सक्रिय नहीं है, वहां भी UIDAI ने लगभग 6.7 लाख मृत्यु रिकॉर्ड इकट्ठा किए हैं और डिएक्टिवेशन की प्रक्रिया जारी है।

आगे की दिशा

यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन की सफलता की दिशा में एक अहम कड़ी है। अब देशवासी अपने मृत परिजनों का आधार नंबर बंद करवाने में स्वयं भागीदार बन सकते हैं। इससे योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा और धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा

निष्कर्ष

UIDAI  द्वारा उठाया गया यह कदम आधार कार्ड के दुरुपयोग पर लगाम लगाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। सरकार की इस सक्रियता से जहां पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं योजनाओं का लाभ भी सही व्यक्ति तक पहुंचेगा। अब आम नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे MyAadhaar पोर्टल के जरिए अपने मृत परिजनों की जानकारी अपडेट करें, ताकि सरकारी योजनाओं में कोई अनियमितता न हो।

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