UP में सहकारी संस्थाओं में बड़ी भर्ती: कुल 12,500 पदों पर चयन, IBPS के माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा
लखनऊ, 10 सितंबर 2025 — उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की विभिन्न सहकारी संस्थाओं में कुल 12,500 रिक्त पदों को भरने का ऐलान किया है। विभागीय घोषणा के अनुसार इनमें से लगभग 5,000 पद स्थायी (नियामित) होंगे जबकि बाकी 7,500 पदों पर दैनिक वेतनभोगी नियुक्तियाँ की जाएँगी। सरकार ने चयन प्रक्रिया के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS) के माध्यम से ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षा कराने की अनुमति दी है।
प्रमुख बातें — एक नज़र में
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कुल रिक्तियाँ: 12,500
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नियामित (स्थायी) पद: 5,000 (सहकारिता विभाग के खाली पद शामिल)
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दैनिक वेतनभोगी पद: 7,500
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चयन प्रक्रिया: IBPS द्वारा ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षा
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जानकारी स्रोत: उत्तर प्रदेश सरकार / सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की घोषणा
पृष्ठभूमि और कारण
सहकारी संस्थाएँ ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर किसान, कृषक समूह, छोटे व्यापारियों और स्थानीय उपभोक्ताओं को वित्तीय व परिचालन सेवाएँ प्रदान करती हैं। लंबे समय से इन संस्थाओं में रिक्तियों और कम स्टाफ-सामर्थ्य के कारण कार्यभार बढ़ा हुआ था और सेवाओं में देरी की शिकायतें आती रही हैं। सरकार ने इन रिक्तियों को भरने का निर्णय इसलिए लिया है ताकि संस्थागत कामकाज सुचारू रूप से चल सके और सदस्य-ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ मिलें।
सरकारी घोषणा में कहा गया है कि चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और योग्यता-आधारित बनाने के उद्देश्य से IBPS के माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा कराई जाएगी। इससे भर्ती प्रक्रिया में मानकीकरण और निष्पक्षता बरकरार रखने में मदद मिलेगी।
चयन प्रक्रिया — क्या अपेक्षा रहेगी?
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, संबंधित विभाग और सहकारी संस्थाएँ अपने-अपने रिक्त पदों का विस्तृत ब्योरा शीघ्र ही केंद्र/राज्य के समन्वयित पोर्टल पर उपलब्ध कराएँगी। चयन के मूल बिंदु संभवतः निम्न होंगे:
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प्री-एडमिशन योग्यताएँ (शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा आदि) विभागीय अधिसूचना में स्पष्ट की जाएँगी।
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आवेदन ऑनलाइन माध्यम से लिए जाएंगे; ऑफलाइन आवेदन की संभावना कम मानी जा रही है।
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प्रीलिम्स/मुख्य परीक्षा का ढांचा IBPS द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप रहेगा — सामान्य बुद्धिमत्ता, संख्यात्मक क्षमता, सामान्य ज्ञान और विषय-विशेष प्रश्नों का समावेश संभव है।
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शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के दस्तावेज़ सत्यापन तथा आवश्यक होने पर इंटरव्यू/प्रायोगिक परीक्षण भी किए जा सकते हैं।
न्यायपूर्ण तरीके से चयन सुनिश्चित करने हेतु परीक्षा नियमों, अंकगणना व रिज़ल्ट प्रकिया में पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया जाएगा।
सरकारी दृष्टिकोण और उम्मीदें
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बताया है कि इस भर्ती से सहकारी संस्थाओं के कामकाज में तेजी आएगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। विभाग का कहना है कि नियामित नियुक्तियाँ संस्थाओं की दीर्घकालिक क्षमता को मजबूत करेंगी, जबकि दैनिक वेतनभोगी पद अल्पकालिक व तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
सरकारी संस्थाओं को उम्मीद है कि भर्ती से बैंकिंग व सहकारी सेवाओं का पहुँच विस्तार होगा, कागजी कामकाज कम होगा और सदस्यों को बेहतर तकनीकी व प्रबंधन-समर्थन मिल सकेगा।
रोजगार पर प्रभाव और स्थानीय अर्थव्यवस्था
12,500 पदों की भरती सीधे तौर पर हजारों घरों की आजीविका से जुड़ी होगी। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में सहकारी संस्थाएँ कृषि से जुड़े कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण सेवा केंद्र होती हैं। नई नियुक्तियाँ निम्न प्रभाव पैदा कर सकती हैं:
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बेरोज़गारी दर में कमी और आय के नए स्रोत।
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स्थानीय बाज़ारों व सेवा प्रदाताओं के लिए मांग में वृद्धि (यातायात, भोजन, आवास आदि)।
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सहकारी संस्थाओं की सेवा-गुणवत्ता में सुधार से किसानों व छोटे उत्पादकों को लाभ।
हालांकि दैनिक वेतनभोगी पदों की बढ़त से अल्पकालिक रोजगार सृजन ज़रूर होगा, परन्तु नियमित स्थायी पदों का अनुपात भी महत्वपूर्ण है ताकि कर्मचारियों के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
चुनौतियाँ और सुझाव
इस भर्ती प्रक्रिया में कुछ चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं, जिन पर ध्यान देना आवश्यक होगा:
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अधिसूचना तथा पात्रता की स्पष्टता — उम्मीदवारों तक सही व समय पर जानकारी पहुँचना आवश्यक है।
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परीक्षा और नियुक्ति में पारदर्शिता — किसी भी तरह की गड़बड़ी या अफ़वाह से बचने के लिए प्रक्रिया का ऑडिट और तीसरे पक्ष का निगरानी तंत्र उपयोगी होगा।
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दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सुरक्षा — 7,500 दैनिक वेतनभोगियों के वेतन भुगतान, काम की निरंतरता और सामाजिक सुरक्षा के नियमों पर विशेष ध्यान की आवश्यकता होगी।
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प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण — चयन के बाद नए कर्मचारियों को सहकारी कार्यशैली, बैंकिंग प्रक्रियाओं और कंप्यूटर कौशल में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे प्रभावी रूप से काम कर सकें।
सरकार को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि चयन विज्ञापन, परीक्षा तिथियाँ और आवेदन प्रक्रियाएँ समय पर प्रकाशित हों ताकि उम्मीदवार तैयार हो सकें।
उम्मीदवारों के लिए तैयारी के सुझाव
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आधिकारिक अधिसूचना का इंतज़ार करें और केवल सरकारी स्रोतों से जानकारी लें।
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सामान्य अध्ययन, रीजनिंग, गणित व सहकारी/बैंकिंग से जुड़े विषयों की तैयारी करें।
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पिछले वर्षों के समान पैटर्न की प्रश्न-प्रैक्टिस और मॉक टेस्ट से अभ्यास ज़रूरी है।
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आवश्यक दस्तावेज (शैक्षणिक प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र आदि) तैयार रखें ताकि शॉर्टलिस्टिंग के बाद सत्यापन में देरी न हो।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में सहकारी संस्थाओं में 12,500 पदों की भर्ती एक महत्वपूर्ण कदम है जो न सिर्फ बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगा बल्कि सहकारी क्षेत्र की सेवाओं को भी सुदृढ़ करेगा। सही और पारदर्शी प्रक्रिया से यह भर्ती राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढाँचे को मजबूती देने में मददगार साबित हो सकती है। उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे आधिकारिक अधिसूचना का इंतज़ार करें और तैयारी में लग जाएँ।
