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22 Jul 2025, Tue

UP Police News: यूपी के इस कमिश्नरेट में 161 पुलिसकर्मी लापता! पुलिस विभाग में हड़कंप

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UP Police News: यूपी के इस कमिश्नरेट में 161 पुलिसकर्मी लापता! पुलिस विभाग में हड़कंप

UP Police News: कानपुर में 161 पुलिसकर्मी ‘लापता’! जांच में सामने आईं चौंकाने वाली बातें

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। कमिश्नरेट के विभिन्न थानों से 161 पुलिसकर्मियों के लापता होने की खबर ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है। हालांकि, वरिष्ठ अधिकारी इसे पूरी तरह नकारते नहीं बल्कि स्पष्ट करते हैं कि केवल 35 पुलिसकर्मी ही वास्तव में “गैरहाजिर” हैं, और उनके खिलाफ विभागीय जांच की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

क्या है मामला?

कानपुर कमिश्नरेट के दक्षिण, पूर्वी, पश्चिम और सेंट्रल जोन के थानों में तैनात 161 पुलिसकर्मियों की लंबे समय से उपस्थिति दर्ज नहीं हुई है। इनमें से कई ने बीमारी के नाम पर छुट्टी ली, कुछ निलंबन या विभागीय मुकदमे से बचने के लिए गैरहाजिर हैं और कई तो 6 महीने से अधिक समय से थानों या पुलिस लाइन में रिपोर्ट तक नहीं कर पाए हैं।

यह आंकड़ा सामने आने के बाद महकमे में हलचल मच गई है। डीसीपी मुख्यालय एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि वास्तविक संख्या में अंतर हो सकता है, क्योंकि कई कर्मी मेडिकल लीव, अटैचमेंट या अंतिम आमद की प्रक्रिया में हो सकते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी?

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) वीके सिंह का कहना है:

“रिजर्व पुलिस लाइन से अब तक 35 पुलिसकर्मी गैरहाजिर पाए गए हैं। बाकी की सूची में शामिल कई कर्मियों का स्थानांतरण हो चुका है या वे अन्य प्रशासनिक कारणों से अनुपस्थित हैं। जांच चल रही है और अनुशासनात्मक कार्रवाई तय समय पर की जाएगी।”

अनुशासनहीनता या प्रणालीगत कमजोरी?

विशेषज्ञों की मानें तो यह मामला केवल अनुशासनहीनता का नहीं बल्कि प्रणाली की लचर निगरानी प्रणाली का भी प्रतीक है। अगर 161 कर्मियों की गैरहाजिरी की सूचना अचानक सामने आती है, तो यह सवाल उठता है कि इतने समय तक इनकी अनुपस्थिति की समीक्षा क्यों नहीं हुई?

कई मामलों में पुलिसकर्मी छुट्टी के बाद लौटते समय थाने में आमद नहीं कराते और रिजर्व पुलिस लाइन में रिपोर्ट नहीं करते हैं। इसका फायदा उठाकर वे बिना जानकारी दिए लंबे समय तक गायब रहते हैं।

क्या यह विभागीय संकट का संकेत है?

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग पहले ही मानव संसाधन की कमी, लंबे समय से कार्यरत कर्मियों में तनाव, और ड्यूटी की अधिकता जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों का इस तरह ड्यूटी से गायब रहना कानून-व्यवस्था की स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

सरकारी पोर्टलों से जानकारी की पुष्टि करें

इस मामले से संबंधित ताजा अपडेट के लिए आप निम्न सरकारी स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं:

यहाँ आप न केवल शिकायत दर्ज कर सकते हैं, बल्कि पुलिसकर्मियों की तैनाती, स्थानांतरण व अन्य जन-संबंधी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

समस्या का समाधान क्या है?

विशेषज्ञों की राय में, इस समस्या के समाधान के लिए निम्न कदम उठाए जाने चाहिए:

  1. पुलिसकर्मियों की उपस्थिति की डिजिटल निगरानी – GPS आधारित ड्यूटी ट्रैकिंग या बायोमेट्रिक सिस्टम से रिपोर्टिंग।

  2. ड्यूटी अनुपस्थिति पर सख्त नियम – बिना सूचना के अनुपस्थित कर्मियों के विरुद्ध तुरंत Show Cause Notice और सस्पेंशन

  3. सामयिक समीक्षा बैठकें – थाना प्रभारियों की साप्ताहिक रिपोर्टिंग पर निगरानी।

  4. मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग और सहायता – लगातार तनाव और थकान से जूझ रहे कर्मियों को सहयोग देना।

निष्कर्ष

कानपुर कमिश्नरेट से जुड़े 161 पुलिसकर्मियों की गैरहाजिरी की खबर ने पुलिस महकमे को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह केवल कर्मचारियों की लापरवाही का मामला नहीं, बल्कि प्रशासनिक विफलता और समीक्षा प्रणाली की कमजोरी का भी संकेत है। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद क्या वाकई दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होती है या मामला फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।


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