उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: अचानक फैसले ने मचाई राजनीतिक हलचल
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📅 प्रकाशन तिथि: 22 जुलाई 2025
✍ रिपोर्ट: KhabarFirst डेस्क
नई दिल्ली:
भारत के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है, जिसकी पुष्टि राष्ट्रपति भवन से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में की गई है। इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य कारण बताई गई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस फैसले को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। 74 वर्षीय धनखड़ ने इस्तीफा देने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और आभार व्यक्त किया।
🧑⚖️ धनखड़ का कार्यकाल और पृष्ठभूमि
जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को देश के 14वें उप-राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वे 2027 तक इस पद पर बने रहने वाले थे, लेकिन उनके कार्यकाल में दो साल से भी कम समय ही पूरा हो पाया।
राजनीतिक और कानूनी पृष्ठभूमि से आने वाले धनखड़ पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल रहे हैं। वहां अपने स्पष्ट और मजबूत प्रशासनिक रुख के लिए वे चर्चा में रहे। इससे पहले वे राजस्थान से लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।
धनखड़ की पहचान एक प्रो-किसान और संविधान समर्थक नेता के रूप में रही है। उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता, शिक्षा प्रणाली और छात्रों के अधिकारों जैसे कई अहम विषयों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।
🏥 स्वास्थ्य कारण या राजनीतिक दबाव?
धनखड़ के इस्तीफे को जहां आधिकारिक रूप से स्वास्थ्य कारणों से जोड़ कर देखा जा रहा है, वहीं राजनीतिक हलकों में इसके कई अनकहे संकेत तलाशे जा रहे हैं। विपक्षी नेताओं का मानना है कि इस इस्तीफे के पीछे कुछ आंतरिक मतभेद या दबाव की भूमिका हो सकती है।
कुछ विश्लेषकों का यह भी मानना है कि धनखड़ हाल के दिनों में सरकार के कई नीतिगत मुद्दों पर अपनी असहमति जताते दिखे थे, खासकर उच्च शिक्षा से जुड़े मामलों में।
📜 सम्भावित उत्तराधिकारी कौन?
अब सवाल यह उठता है कि देश के नए उप-राष्ट्रपति कौन होंगे? नामों की दौड़ में कई वरिष्ठ भाजपा नेता, संविधान विशेषज्ञ, और पूर्व राज्यपालों के नाम सामने आ रहे हैं।
संभावित नामों में शामिल हैं:
- ओम बिड़ला (लोकसभा अध्यक्ष)
- अनुसुइया उइके (छत्तीसगढ़ की राज्यपाल)
- हरिवंश नारायण सिंह (राज्यसभा के उपसभापति)
यह देखना रोचक होगा कि क्या सत्ताधारी दल एक राजनीतिक चेहरा इस पद पर लाता है या फिर किसी गैर-राजनीतिक विद्वान को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
🏛️ संविधानिक प्रक्रिया क्या कहती है?
भारतीय संविधान के अनुसार, यदि उप-राष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा देते हैं, तो राष्ट्रपति को लिखित रूप में उनका इस्तीफा देना होता है, और जब तक नया चुनाव न हो जाए, तब तक राष्ट्रपति के निर्देशानुसार कोई अन्य व्यक्ति अस्थायी रूप से कार्यभार संभाल सकता है।
चुनाव आयोग को अब नए उप-राष्ट्रपति के चुनाव की घोषणा करनी होगी, जो कि 6 महीने के भीतर अनिवार्य है।
🔁 धनखड़ के इस्तीफे के राजनीतिक मायने
धनखड़ के अचानक इस्तीफे से सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के भीतर एक तरह की हलचल देखी जा रही है। वहीं, विपक्षी INDIA गठबंधन इसे अपने लिए एक राजनीतिक अवसर के रूप में देख रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि उप-राष्ट्रपति का पद संसद में संवैधानिक संतुलन और संचालन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। धनखड़ की अनुपस्थिति में संसद के मानसून सत्र के संचालन पर भी असर पड़ सकता है।
📣 नेताओं की प्रतिक्रिया:
🔹 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा:
“जगदीप धनखड़ जी ने संविधान के दायरे में रहते हुए राष्ट्र के प्रति जो सेवाएं दी हैं, वो हमेशा याद की जाएंगी। उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।”
🔹 राहुल गांधी ने कहा:
“धनखड़ जी का इस्तीफा दिखाता है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को कितना दबाव झेलना पड़ता है। सच्चाई जल्द सामने आएगी।”
🔹 ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री):
“धनखड़ जी के साथ मेरी कई बार विचार भिन्नता रही, लेकिन उनके इस्तीफे का यह तरीका बेहद असामान्य है।”
📌 निष्कर्ष:
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा न सिर्फ एक संवैधानिक घटना है, बल्कि यह आने वाले समय में भारतीय राजनीति की दिशा और केंद्र सरकार के कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। अब सभी की निगाहें राष्ट्रपति भवन और चुनाव आयोग की अगली घोषणा पर टिकी हैं।