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25 Jul 2025, Fri

UP सरकार का बड़ा फैसला: मेधावी छात्रों को अब स्मार्टफोन की जगह मिलेंगे अत्याधुनिक टैबलेट

UP सरकार का बड़ा फैसला: मेधावी छात्रों को अब स्मार्टफोन की जगह मिलेंगे अत्याधुनिक टैबलेट

UP सरकार का बड़ा फैसला: मेधावी छात्रों को अब स्मार्टफोन की जगह मिलेंगे अत्याधुनिक टैबलेट

📅 प्रकाशन तिथि: 24 जुलाई 2025
✍️ लेखक: KHABAR FIRST


मुख्य बिंदु:

  • स्मार्टफोन की जगह अब मिलेंगे उच्च तकनीक वाले टैबलेट
  • कैबिनेट बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय
  • “युवा सशक्तिकरण योजना” को मिलेगी नई दिशा
  • योजना 5 वर्षों तक लागू रहेगी
  • ₹2000 करोड़ का बजट प्रावधान

योजना का उद्देश्य: डिजिटल इंडिया की ओर एक और कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के मेधावी छात्रों के भविष्य को और अधिक उज्ज्वल बनाने के लिए एक बड़ा और दूरगामी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि राज्य के मेधावी छात्रों को अब स्मार्टफोन की बजाय अत्याधुनिक टैबलेट वितरित किए जाएंगे।

इस कदम का उद्देश्य न केवल डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना है, बल्कि छात्रों की उत्पादकता, दक्षता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना भी है। सरकार का मानना है कि टैबलेट की बड़ी स्क्रीन, बेहतर बैटरी और प्रोडक्टिविटी-फोकस्ड एप्लिकेशन छात्रों को अधिक लाभ पहुंचाएंगे।


औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया क्यों टैबलेट हैं बेहतर विकल्प

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि,

“टैबलेट में स्मार्टफोन की तुलना में अधिक कार्यक्षमता होती है। बड़ी स्क्रीन, मल्टीटास्किंग की सुविधा, और एजुकेशन फ्रेंडली फीचर्स जैसे वर्ड प्रोसेसर, ई-बुक्स रीडर, डिजिटल नोट्स और स्कॉलरशिप एप्स से छात्र अधिक सक्षम होंगे।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्मार्टफोन अक्सर गेमिंग और सोशल मीडिया के कारण पढ़ाई में बाधक बनते हैं, जबकि टैबलेट शिक्षा-केंद्रित उपयोग के लिए अधिक अनुकूल हैं।


‘युवा सशक्तिकरण योजना’ के तहत वितरण

इस निर्णय को उत्तर प्रदेश सरकार की ‘युवा सशक्तिकरण योजना’ के तहत लागू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य राज्य के होनहार लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को डिजिटल संसाधनों से लैस करना है ताकि वे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं, ऑनलाइन क्लासेस, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठा सकें।


5 वर्षों तक चलेगी योजना, 2025-26 के लिए ₹2000 करोड़ का बजट

सरकार ने इस योजना को आगामी पांच वर्षों के लिए लागू करने की घोषणा की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹2000 करोड़ का बजट प्रावधान भी कर दिया गया है, जिससे स्पष्ट है कि सरकार इस योजना को लेकर गंभीर है।

वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,

“प्रत्येक वर्ष लगभग 5 लाख छात्रों को टैबलेट वितरित किए जाएंगे। वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीक-सक्षम बनाया जाएगा ताकि पात्र छात्रों को बिना किसी रुकावट के डिवाइस प्राप्त हो सके।”


छात्रों और शिक्षकों ने स्वागत किया

इस निर्णय का प्रदेश भर के छात्रों और शिक्षकों द्वारा स्वागत किया जा रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा भावना सिंह का कहना है,

“टैबलेट से न केवल पढ़ाई में सहूलियत होगी, बल्कि ऑनलाइन कोर्सेज, नोट्स तैयार करने और वर्चुअल क्लासेज का अनुभव भी बेहतर होगा।”

वहीं शिक्षक वर्ग का भी मानना है कि स्मार्टफोन की तुलना में टैबलेट छात्रों को पढ़ाई के प्रति अधिक केंद्रित बनाएंगे।


तकनीकी संस्थानों की मदद से होगा सॉफ्टवेयर विकास

सरकार की योजना है कि वितरित किए जाने वाले टैबलेट्स में पहले से कुछ खास शैक्षिक एप्लिकेशन इंस्टॉल किए जाएं। इसके लिए राज्य के तकनीकी विश्वविद्यालयों और IIT/IIIT संस्थानों की मदद ली जाएगी। इसके साथ ही टैबलेट्स में इनबिल्ट सुरक्षा फीचर्स होंगे जिससे गेमिंग और सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोका जा सकेगा।


पात्रता और वितरण प्रक्रिया

सरकार द्वारा जारी प्रारंभिक दिशा-निर्देशों के अनुसार:

  • योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा जो इंटरमीडिएट या स्नातक स्तर पर मेरिट लिस्ट में स्थान पाते हैं।
  • छात्रों की पारिवारिक आय सीमा भी तय की जाएगी ताकि केवल वंचित वर्ग के छात्रों को लाभ मिल सके।
  • वितरण प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगी जिसमें छात्र स्वयं पंजीकरण कर सकेंगे।

समाज के लिए व्यापक प्रभाव

यह योजना न केवल छात्रों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसरों की दिशा में एक बड़ी पहल होगी। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को इसका विशेष लाभ मिलेगा जो अब तक डिजिटल डिवाइड का शिकार रहे हैं।


निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय दूरदर्शिता और शिक्षा में सुधार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल आने वाले वर्षों में राज्य के लाखों छात्रों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। स्मार्टफोन से हटकर टैबलेट का विकल्प एक रणनीतिक सोच है, जो शिक्षा को प्राथमिकता देने और छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।


📌 यह खबर आगे भी अपडेट की जाएगी जब योजना से संबंधित नए दिशा-निर्देश या आंकड़े सामने आएंगे।

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