जुबिन गर्ग की अंतिम विदाई: जनसैलाब ने बनाया विश्व रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ दर्ज
गुवाहाटी, सितंबर 2025:
भारत के महान गायक और असम के गौरव जुबिन गर्ग को अंतिम विदाई देने के लिए जिस तरह से जनसैलाब उमड़ा, उसने इतिहास रच दिया। गुवाहाटी की सड़कों पर लाखों की भीड़ उनके अंतिम दर्शन के लिए इकट्ठा हुई। यह सिर्फ एक अंतिम संस्कार नहीं था, बल्कि अपने प्रिय कलाकार के प्रति लोगों के अटूट प्रेम और सम्मान का ऐसा उदाहरण था जिसने दुनिया को चौंका दिया।
लोगों की यह भीड़ इतनी विशाल थी कि इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि यह किसी भी भारतीय कलाकार के अंतिम संस्कार में इकट्ठा होने वाली चौथी सबसे बड़ी भीड़ थी।
असम से पूरे देश तक फैला जुबिन का जादू
जुबिन गर्ग केवल असम के नहीं, बल्कि पूरे भारत के दिल की धड़कन थे। उनकी आवाज़ ने न सिर्फ असमिया और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को बल्कि बांग्ला और नेपाली संगीत जगत को भी नई ऊंचाइयाँ दीं। उनकी गायकी में लोकसंगीत की मिठास, आधुनिक धुनों की ताजगी और भावनाओं की गहराई झलकती थी।
“या अली” जैसे गाने ने उन्हें बॉलीवुड में अमर कर दिया, वहीं असमिया गानों ने उन्हें अपने राज्य में ‘रॉकस्टार ऑफ नॉर्थ ईस्ट’ बना दिया। उनकी लोकप्रियता इतनी व्यापक थी कि छोटे शहर से लेकर महानगरों तक, हर जगह उनके गाने सुने और गुनगुनाए जाते थे।
अंतिम विदाई में उमड़ा अभूतपूर्व जनसैलाब
23 सितंबर को जब जुबिन गर्ग के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, तो लाखों लोग उमड़ पड़े। सड़कें खचाखच भर गईं। लोगों की आँखों में आँसू थे, लेकिन दिल में अपने प्रिय गायक के प्रति गर्व भी।
गुवाहाटी और आसपास के जिलों से ही नहीं, बल्कि नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, पश्चिम बंगाल और यहां तक कि नेपाल और भूटान से भी प्रशंसक पहुंचे। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने इस तरह का दृश्य सिर्फ टीवी पर ही देखा था जब विश्वप्रसिद्ध गायक माइकल जैक्सन, पोप फ्रांसिस या क्वीन एलिज़ाबेथ द्वितीय की अंतिम यात्रा हुई थी।
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अधिकारियों ने पुष्टि की कि जुबिन गर्ग की अंतिम यात्रा में आई भीड़ ने नया इतिहास रच दिया है। यह भीड़ किसी सामान्य अंतिम संस्कार की तुलना में कई गुना बड़ी थी।
आंकड़ों के मुताबिक, इस भीड़ ने उन्हें उन चुनिंदा हस्तियों की सूची में शामिल कर दिया, जिनकी अंतिम यात्रा में करोड़ों दिल एक साथ धड़कते नजर आए। इस सूची में अब जुबिन गर्ग का नाम भी माइकल जैक्सन, पोप फ्रांसिस और क्वीन एलिज़ाबेथ जैसी विश्व हस्तियों के साथ दर्ज हो गया है।
सोशल मीडिया पर उमड़ा शोक और श्रद्धांजलि
जुबिन गर्ग के निधन की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #RIPZubeenGarg, #LegendLivesOn और #ZubeenForever जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
हजारों लोगों ने उनके गानों के वीडियो शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कई ने लिखा कि जुबिन ने सिर्फ गाने नहीं दिए बल्कि पीढ़ियों को जोड़ने वाला संगीत दिया।
संगीत जगत में अपूरणीय क्षति
संगीत विशेषज्ञों का मानना है कि जुबिन गर्ग का जाना भारतीय संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका बहुमुखी टैलेंट उन्हें दूसरों से अलग बनाता था। वे गायक ही नहीं, बल्कि संगीतकार, अभिनेता और निर्देशक भी थे।
उनके सहयोगियों ने याद किया कि जुबिन सिर्फ एक स्टार नहीं, बल्कि एक इंसान थे जिनका दिल बेहद बड़ा था। वे अक्सर चैरिटी शो करते थे और युवाओं को संगीत की शिक्षा देने के लिए प्रेरित करते थे।
असम सरकार की श्रद्धांजलि
असम सरकार ने जुबिन गर्ग को राजकीय सम्मान के साथ विदाई देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जुबिन ने असम के संगीत को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। वे सिर्फ कलाकार नहीं थे, बल्कि असम की आत्मा थे।
गुवाहाटी में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया और पूरे राज्य में लोगों ने मोमबत्तियां जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जुबिन की विरासत
हालांकि जुबिन गर्ग अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संगीत हमेशा जीवित रहेगा। उनकी आवाज़ में जो सादगी और गहराई थी, वह हर दिल को छू लेती थी।
उनके गाने असमिया संस्कृति और भारतीय संगीत की धरोहर बनकर पीढ़ियों तक सुनाए जाएंगे। जैसे कहा जाता है—”किसी कलाकार की असली मौत तब होती है जब उसकी कला को लोग भूल जाएं”—जुबिन गर्ग इस मायने में कभी नहीं मरेंगे।
निष्कर्ष
जुबिन गर्ग को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़े जनसैलाब ने यह साबित कर दिया कि वे केवल एक गायक नहीं, बल्कि एक भावना थे, एक आंदोलन थे, जो लोगों को जोड़ता था। उनका नाम इतिहास में उन चुनिंदा महान शख्सियतों के साथ दर्ज हो गया है जिनकी विदाई ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया।
लाखों प्रशंसकों की आंखें भले ही नम हों, लेकिन उनके दिलों में हमेशा यह गर्व रहेगा कि उन्होंने अपने समय के एक महानायक को जिया और महसूस किया।
